शराब नीति मामले में CBI ने CM केजरीवाल को किया तलब, AAP ने कहा- जेल में डालने की साजिश
दिल्ली के शराब नीति केस में सीबीआई ने सीएम अरविंद केजरीवाल को पूछताछ के लिए समन भेजा है. केजरीवाल से 16 अप्रैल को पूछताछ होगी. इस केस में पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया तिहाड़ जेल में न्यायिक हिरासत में हैं.
दिल्ली के आबकारी नीति केस में कथित घोटाले में बड़ी खबर है. इस केस की जांच कर रही सीबीआई अब दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से पूछताछ करेगी. सीबीआई की तरफ से केजरीवाल को समन भेजा गया है. उन्हें 16 अप्रैल (रविवार) को पूछताछ के लिए बुलाया गया है. इस केस में दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया तिहाड़ जेल में न्यायिक हिरासत में हैं. शराब नीति केस की जांच सीबीआई के साथ ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी कर रही है. अरविंद केजरीवाल का नाम ईडी की चार्जशीट में भी है, लेकिन आरोपी के तौर पर नहीं. हालांकि, अरविंद केजरीवाल की ओर से इस बारे में कोई बयान नहीं आया है.
इस बीच आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह केजरीवाल को भेजे गए समन को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. संजय सिंह ने कहा, ‘केंद्र सरकार अरविंद केजरीवाल को जेल में डालने की साजिश कर रही है, लेकिन हम डरने वाले नहीं है. केजरीवाल ने 13 दिन अनशन रखकर भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी.केजरीवाल की लड़ाई रुकने वाली नहीं है. यह लड़ाई जारी रहेगी.’
हर स्तर पर उतर आई केंद्र सरकार
संजय सिंह ने कहा, ‘सरकार हर तरह के उत्पीड़न की कार्रवाई कर रही है, हर स्तर पर उतर आई है. यह कार्रवाई सिर्फ इसलिए है कि दिल्ली विधानसभा में अरविंद केजरीवाल ने भ्रष्टाचार को उजागर किया. एक्साइज पॉलिसी क्या है, यह तो मैंने आपको दिखाया ही था कि ईडी किस तरह से काम कर रही है कह रही है कि फोन तोड़ दिए हैं, जबकि वह फोन ईडी के पास हैं. वह तो झूठ का पुलिंदा है उसको तो छोड़ ही दीजिए.’
26 फरवरी को गिरफ्तार हुए थे सिसोदिया
इस केस में दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया अभी ED की हिरासत में हैं. उन्हें 26 फरवरी को सीबीआई ने 8 घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था. 7 दिन की सीबीआई रिमांड के बाद कोर्ट ने 6 मार्च को सिसोदिया को 20 मार्च (14 दिन) की न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेजा था. यहां ED ने दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम से शराब नीति में मनी लॉन्ड्रिंग केस में सिसोदिया से पूछताछ की थी, जेल से ही एजेंसी ने सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया था.
जमानत पर 12 अप्रैल को हुई सुनवाई
इससे पहले कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर बुधवार 12 अप्रैल को सुनवाई हुई. ईडी ने अपनी दलील पूरी की. जांच एजेंसी ने सिसोदिया को इस पूरे मामले का अहम साजिशकर्ता बताया. आबकारी नीति बनाने और लागू करने में सिसोदिया की मुख्य भूमिका रही है.
18 अप्रैल को कोर्ट में दलील रखेंगे सिसोदिया
ईडी ने कोर्ट में कहा कि इस पॉलिसी के चलते होल सेलर्स को 338 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रॉफिट हुआ. पॉलिसी में प्रॉफिट 5 प्रतिशत तय किया गया होता तो ये सरकार के पास जाता. अब 18 अप्रैल की दोपहर 2 बजे सिसोदिया की तरफ से दलील रखी जाएगी. इस दौरान कोर्ट में सिसोदिया खुद मौजूद थे. उन्हें तिहाड़ जेल से लाया गया था.
केजरीवाल के आवास पर लिया गया था फैसला
सी अरविंद ने ED और CBI के सामने अपने बयानों में खुलासा किया कि मार्च 2021 में अरविंद केजरीवाल के आवास पर लाभ मार्जिन 12% तय करने का फरमान लिया गया था. यह सिसोदिया और सत्येंद्र जैन की उपस्थिति में हुआ था. अन्य प्रमुख गवाहों के साथ सिसोदिया का आमना-सामना अगले दो दिनों में होगा. एजेंसी ने अदालत को बताया है कि पूछताछ के दौरान सिसोदिया सहयोग नहीं कर रहे थे.
ईडी ने क्या दावा किया?
ईडी ने ये दावा किया कि जीओएम में सलाह किए बगैर ही शराब नीति को पास कर दिया गया. एक व्यक्ति को सिर्फ दो रिटेल लाइसेंस मिल सकते थे और इसके लिए लॉटरी सिस्टम को अपनाया जाना था. प्रत्येक ज़ोन में 27 दुकानें थी. पॉलिसी में बदलाव के बारे में जीओएम या एक्सपर्ट कमेटी को जानकारी नहीं थी. प्रोसेस के तहत बदलाव किया गया होता, तो इसके बारे में जीओएम या एक्सपर्ट कमेटी को जानकारी होती.
ईडी ने कहा कि एक्सपर्ट कमेटी की सलाह मानी गई होती तो उसके अनुसार सरकारी दुकानों को ज़्यादा लाभ पहुंचता. सिसोदिया के सचिव सी.अरविंद जो सभी जीओएम की बैठक में शामिल हुए थे, उन्होंने बताया कि उसमें पॉलिसी में किसी भी तरह के बदलाव को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई थी.
‘कोई चर्चा नहीं हुई’
ईडी ने कहा कि होलसेल लाइसेंस प्राइवेट पार्टी को देने को लेकर जीओएम में कोई चर्चा नहीं हुई थी. 9 फरवरी 2021 और उसके बाद जीओएम की बैठक में प्रॉफिट मार्जिन को 5 फीसदी से बढ़ा कर 12 प्रतिशत करने और बड़ी कंपनियों को होलसेल लाइसेंस देने को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई थी.