चुनावों के बाद हुआ शिकायतों का सिलसिला शुरू वोटर स्लिप नहीं बांटने वाले ब्लॉक अध्यक्ष नपेगें
* लापरवाह अध्यक्षों की पहचान में जुटी पार्टी
– अश्वनी भारद्वाज –
नई दिल्ली ,वैसे तो हर चुनावों के बाद प्रबंधन में खामियां पाई जाती है ,समीक्षा होती है और लापरवाही बरतने वालों को चिन्हित भी किया जाता है और यदि प्रत्याशी प्रभावशाली होता है तो संगठन कार्यवाही भी करता है | जी हाँ इस बार भी कांग्रेस के उत्तर पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र से एक दो नहीं बल्कि अनेक वार्डों से ऐसी शिकायते आ रही हैं कि ब्लाक स्तर पर अध्यक्षों नें घोर लापरवाही बरती और जो चुनाव के लिए मतदाताओं के घरों पर वोटर स्लिप पहुंचानी थी भी नहीं पहुंचाई गई | आलम तो यह है कि कुछ वार्डों में तो वोटर स्लिप बांटना तो दूर बल्कि भेजे गए कट्टे खोले तक नहीं गए | हालंकि कांग्रेस में अक्सर ऐसी शिकायते पूर्व में भी आती रही है | जवाबदेही पर बताया जाता था ज्यादातर पार्टी वर्कर ऐसा नहीं करते | लिहाजा इस बार पार्टी नें यह काम पेड लोगो द्वारा कराने का इंतजाम किया था | और हर ब्लाक अध्यक्ष को इस काम के लिए बाकायदा पच्चीस- पच्चीस हजार रूपये का भुगतान भी किया गया था | मिली जानकारी के मुताबिक ज्यादातर ब्लाक अध्यक्षों नें इस राशी का इस्तेमाल इस काम के लिए किया ही नहीं और वोटर स्लिप धरी की धरी रह गई | इतना ही नहीं आरोप तो यहाँ तक भी है किअनेक स्थानों पर पोलिंग सेंटरों के बाहर पार्टी वर्कर ही नहीं बैठे थे औए ज्यादातर पर आम आदमी पार्टी के वर्कर जरुर बैठे थे |
पार्टी नें ऐसे सेंटरों की पहचान कर ली है और यह जानकारी भी जुटाई जा रही है आखिर कौन-कौन से ऐसे लापरवाह ब्लाक अध्यक्ष हैं जिन्होंने वोटर स्लिप नहीं बटवाई और मिले पैसे को हजम कर गए | उल्लेखनीय है उत्तर पूर्वी दिल्ली से कांग्रेस प्रत्याशी कन्हैया कुमार नें अपनी तरफ से पूरे लोकसभा क्षेत्र के लिए वोटर स्लिप बनवाई थी और उन्हें घर-घर पहुँचाने की जिम्मेदारी ब्लाक अध्यक्षों को सौंपी थी लेकिन ज्यादातर नें ऐसा नहीं किय | पार्टी को यह जानकारी भी मिली है आधे से ज्यादा ब्लाक अध्यक्षों नें अभी तक अपनी कार्यकारणी तक का गठन नहीं किया है | माना जा रहा है लोक सभा चुनाव परिणामों के बाद ऐसे लापरवाह ब्लाक अध्यक्षों की छुट्टी होनी तय है | आज बस इतना ही …