Prayagraj Lightning Tragedy: प्रयागराज में दिल दहला देने वाला हादसा: आकाशीय बिजली गिरने से एक ही परिवार के चार लोगों की मौत

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Prayagraj Lightning Tragedy: प्रयागराज में दिल दहला देने वाला हादसा: आकाशीय बिजली गिरने से एक ही परिवार के चार लोगों की मौत

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में शनिवार रात एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया। जिले के बारा तहसील के हल्लाबोर सोनबरसा गांव में देर रात आकाशीय बिजली गिरने से एक ही परिवार के चार लोगों की जिंदा जलकर मौत हो गई। इस भयावह हादसे में पति-पत्नी और उनकी दो मासूम बेटियां आग की लपटों में फंसकर मौत के शिकार हो गए। हादसे के बाद घटनास्थल पर चीख-पुकार मच गई और पूरे गांव में मातम पसरा रहा।

मृतक वीरेंद्र वनवासी अपनी पत्नी पार्वती और दो बेटियों राधा व करिश्मा के साथ कच्चे मकान में छप्पर डालकर रहते थे। शनिवार की रात सभी अपने झोपड़ीनुमा मकान में चैन की नींद सो रहे थे। रात करीब 12 बजे जब तेज गर्जना के साथ बादलों ने आसमान को चीर डाला, तभी आकाशीय बिजली सीधे उनके मकान पर आ गिरी। बिजली गिरते ही छप्पर में आग लग गई, और कुछ ही मिनटों में पूरा घर धधकने लगा।

परिवार को संभलने तक मौका नहीं मिला। आग इतनी तेजी से फैली कि कोई कुछ कर भी नहीं सका। झोपड़ी में मौजूद सभी चारों सदस्य आग की लपटों में घिर गए और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। जब तक आस-पास के लोग दौड़कर आग बुझाने की कोशिश करते, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। जलकर राख हो चुके शव पूरी तरह से कंकाल में तब्दील हो चुके थे। यह दृश्य इतना भयावह था कि देखने वालों की रूह कांप गई।

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन हरकत में आया। बारा थाना पुलिस, एसडीएम करछना, तहसीलदार समेत जिला प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने स्थिति का जायजा लिया और पीड़ित परिवार के रिश्तेदारों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। सभी शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हृदय विदारक हादसे पर गहरा शोक जताया है। उन्होंने मृतकों की आत्मा की शांति की कामना करते हुए शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट की हैं। साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रभावित परिजनों को अनुमन्य राहत राशि तत्काल प्रदान की जाए।

इस दर्दनाक घटना पर समाजवादी पार्टी ने भी गहरा शोक जताया है। पार्टी की ओर से मांग की गई है कि मृतकों के परिवार को उचित आर्थिक सहायता और पुनर्वास दिया जाए ताकि वे इस त्रासदी के बाद फिर से जीवन शुरू कर सकें।

प्राकृतिक आपदाएं जब आती हैं तो किसी को चेताने का मौका नहीं देतीं। यह घटना न सिर्फ एक परिवार को उजाड़ने वाली त्रासदी है, बल्कि प्रशासन और समाज के लिए भी एक चेतावनी है कि कच्चे व असुरक्षित घरों में रह रहे लोगों के लिए मजबूत सुरक्षा और जागरूकता की आवश्यकता है।

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