प्रदूषण से निपटने के लिए बनाये गए मास्टर प्लान का क्या हुआ : कुलदीप भाटी

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कुलदीप भाटी
प्रदूषण से निपटने के लिए बनाये गए मास्टर प्लान का क्या हुआ : कुलदीप भाटी

प्रदूषण से निपटने के लिए बनाये गए मास्टर प्लान का क्या हुआ : कुलदीप भाटी

सरकार का मास्टर प्लान भी बौना साबित दिख रहा है

नई दिल्ली ( सी.पी.एन.न्यूज़ ) : अभी कायदे से राजधानी दिल्ली में पूरी तरह से सर्दी नें दस्तक भी नहीं दी है लेकिन प्रदूषण नें तमाम रिकार्ड तोड़ते हुए दिल्ली सरकार के उस भ्रम को भी तोड़ दिया है कि दिल्ली इस साल प्रदूष्ण से नहीं जूझेगी | आलम यह है कि दिन प्रतिदिन दिल्ली जहरीली होती जा रही है और ट्रिपल इंजन सरकार के तमाम दावे और इंतजाम प्रदूष्ण के आगे बौने साबित हो रहे हैं |

यह कहना है राम नगर वार्ड से कांग्रेस के ब्लाक अध्यक्ष कुलदीप भाटी का | कुलदीप भाटी कहते हैं कि दिल्ली सरकार नें कुछ माह पहले दावा किया था कि दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण से निपटने के लिए सरकार ने एक व्यापक मास्टर प्लान लॉन्च किया है | इसमें क्लाउड सीडिंग, ई-वाहन बढ़ावा, वेस्ट टू एनर्जी प्लांट्स, स्मॉग गन और वाटर स्प्रिंकलर्स का उपयोग, और ए आइ. आधारित चालान प्रणाली शामिल है जिसमे लक्षय रखा गया था स्वच्छ, हरित और स्वस्थ दिल्ली का निर्माण, जिसमें 2027 तक कूड़े के पहाड़ों को खत्म करना भी शामिल था |

कुलदीप भाटी
प्रदूषण से निपटने के लिए बनाये गए मास्टर प्लान का क्या हुआ : कुलदीप भाटी

कुलदीप भाटी कहते हैं प्रदूष्ण के हालात दिल्ली सरकार के इस मास्टर प्लान पर खुद ही सवाल खड़े करते दिख रहे है | कुलदीप भाटी कहते हैं सरकार ने साल भर प्रदूषण नियंत्रण के लिए 1000 वाटर स्प्रिंकलर, 140 एंटी स्मॉग गन, 70 मैकेनिकल रोड क्लीनिंग मशीन और 20 डंपिंग व्हीकल लगाने की बात कही थी यह भी दावा किया गया था इसके अलावा 70 इलेक्ट्रिक लिटर पिकर और 30 वाटर टैंकर भी काम करते रहेंगे. निर्माण गतिविधियों पर भी कड़ा नियंत्रण होगा. 3000 स्क्वायर मीटर से बड़े निर्माण प्रोजेक्ट्स में स्मॉग गन लगाना अनिवार्य होगा, साथ ही ए आइ आधारित चालान प्रणाली से नियमों की पालना सुनिश्चित की जाएगी | कितना ही उस वक्त दावे किये गए थे कि वाहन प्रदूषण को कम करने के लिए ईवी पॉलिसी के तहत 2300 ई-ऑटो मेट्रो स्टेशनों पर तैनात किए जाएंगे, 18 हजार से अधिक ई-व्हीकल चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे और 10 हजार इलेक्ट्रिक बसें भी चलेंगी |

अब सवाल यह उठता है सरकार नें जो घोषणाएं की थी उनमें से कितनी पर अम्ल किया गया और उसके क्या परिणाम सामने आयें | कुलदीप भाटी कहते है सरकार केवल घोषणा करती है जबकि धरातल पर उसका आधा काम भी पूरा नहीं करती | श्री भाटी कहते हैं इसी तरह मानसून के दौरान भी मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और सिन्चयिएव्म बाढ़ नियन्त्रण विभाग के मंत्री प्रवेश वर्मा नें अनेक बार दावे किये बरसात के बाद दिल्ली में जलभराव नहीं होगा लेकिन दिल्ली नें देखा हर बरसात के बाद दिल्ली डूबती नजर आई | ठीक उसी तरह आज दिल्ली के लोग जहरीली हवा में साँस लेने को मजबूर है और सरकार का मास्टर प्लान भी बौना साबित दिख रहा है |

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