EWS Quota Scam: सीएम कार्यालय का अधिकारी बनकर गरीबों से ठगी का पर्दाफाश

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EWS Quota Scam: सीएम कार्यालय का अधिकारी बनकर गरीबों से ठगी का पर्दाफाश

दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे शातिर ठग को गिरफ्तार किया है जो खुद को मुख्यमंत्री कार्यालय का अधिकारी बताकर गरीब मरीजों से ठगी करता था। आरोपी फर्जी लेटरहेड का इस्तेमाल करके प्राइवेट अस्पतालों में ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत इलाज करवाने के नाम पर गरीबों से पांच हजार रुपये तक वसूलता था। आरोपी की पहचान हरियाणा के झज्जर जिले के बादली निवासी सोनू के रूप में हुई है, जो दिल्ली नगर निगम में ठेके पर माली का काम करता था। पुलिस ने उसके कब्जे से सीएम कार्यालय के फर्जी लेटर, एमसीडी का फर्जी आइडी, मोबाइल फोन, दो सिम कार्ड, और फर्जी नंबर प्लेट लगी बाइक बरामद की है।

फर्जी लेटर से अस्पतालों को देता था निर्देश
सिविल लाइंस थाना पुलिस के अनुसार, मुख्यमंत्री कार्यालय के ओएसडी एससी वशिष्ठ ने शिकायत दर्ज कराई थी कि महाराजा अग्रसेन अस्पताल को सीएम ऑफिस के नाम पर एक संदिग्ध लेटर मिला, जिसमें एक मरीज के इलाज का निर्देश दिया गया था। अस्पताल को उस पत्र पर संदेह हुआ क्योंकि उसमें कई स्पेलिंग गलतियां थीं और टाइपिंग का फॉन्ट सीएम कार्यालय के आधिकारिक लेटर से मेल नहीं खा रहा था।

अस्पताल को एक संदिग्ध नंबर से फोन आया जिसमें कॉलर ने खुद को “सीएम कार्यालय का अधिकारी बलबीर सिंह राठी” बताया और मरीज का ईडब्ल्यूएस कोटे में इलाज करने का निर्देश दिया। जब सीएम कार्यालय से सत्यापन कराया गया, तो पूरा मामला फर्जी निकला।

कई टीमों ने मिलकर आरोपी को दबोचा
शिकायत के बाद पुलिस ने जांच शुरू की और मरीज श्याम शंकर से पूछताछ की। श्याम ने बताया कि उसकी पत्नी अंजु यह लेटर सोनू नाम के व्यक्ति से लेकर आई थी। जांच में पता चला कि मोबाइल नंबर सोनू के नाम पर है। उसकी लोकेशन करोलबाग स्थित एमसीडी कार्यालय में मिली। 29 अक्टूबर को छापेमारी में आरोपी फरार मिला, लेकिन उसका बैग और बाइक मौके से बरामद हुए। बाद में टेक्निकल सर्विलांस की मदद से 30 अक्टूबर को टैगोर गार्डन इलाके से उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

गरीबों को बनाता था निशाना
पुलिस पूछताछ में सोनू ने अपना अपराध कबूल कर लिया। उसने बताया कि 2023 में नौकरी की तलाश में दिल्ली आया था और ठेके पर माली के रूप में एमसीडी में काम करने लगा। वहीं उसे किसी तरह सीएम कार्यालय का एक असली पत्र मिला, जिसके आधार पर उसने फर्जी लेटरहेड तैयार करवाए। वह प्राइवेट अस्पतालों के आसपास गरीब मरीजों को ढूंढता और उन्हें पांच हजार रुपये में मुफ्त इलाज कराने का झांसा देता। इसके बाद अस्पताल को फोन कर खुद को सीएम कार्यालय का अधिकारी बताकर ईडब्ल्यूएस कोटे में इलाज करवाता था।

पुलिस के मुताबिक आरोपी अब तक कई लोगों से ठगी कर चुका है। मामले की गंभीरता को देखते हुए उसकी पूर्व की गतिविधियों और संपर्कों की जांच जारी है।

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