MCD में 17000 करोड़ का बजट प्रस्ताव पेश, कूड़े से मुक्ति पर जोर, गाजीपुर में लगेगा वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट

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MCD में 17000 करोड़ का बजट प्रस्ताव पेश, कूड़े से मुक्ति पर जोर, गाजीपुर में लगेगा वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट

Budget 2025: दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने गुरुवार (13 फरवरी) को 17,000 करोड़ रुपये का बजट पेश किया, जिसमें स्वच्छता के लिए 4,907.11 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं. विशेष बजट बैठक में एमसीडी आयुक्त अश्वनी कुमार ने इसे पेश किया. इसके अनुसार, शिक्षा क्षेत्र को 1,693.73 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जबकि स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 1,833.51 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं. बागवानी विभाग को 393.26 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो हरित क्षेत्रों को बढ़ाने के प्रयासों को दर्शाता है.

बजट भाषण के अनुसार, दिल्ली नगर निगम क्षेत्र में प्रतिदिन लगभग 6000 टन निर्माण कचरा पैदा होता है, इसके लिए कुल 5000 टन क्षमता के संयंत्र बक्करवाला, रानीखेड़ा, शास्त्री पार्क एवं बुराड़ी में स्थापित किये गए हैं. एक और संयंत्र तेहखंड में लगाया जा रहा है. 200 मीट्रिक टन गोबर / वनस्पति कचरा प्रतिदिन संसाधित करने के लिए बायो मिथेनाइजेशन संयंत्रों की स्थापना का कार्य चल रहा है जिसे मार्च, 2025 तक पूरा करने की संभावना है.

निगम ने लगभग 211 छोटे पिट कम्पोस्टर भी लगाए हैं, जिनकी क्षमता लगभग 543 टी.पी.डी. गीले कूड़े का निस्तारण करने की है. ओखला, गाजीपुर तथा भलस्वा लैंडफिल साइट्स पर लिगेसी वेस्ट के लिए 80 लाख टन के तीन ठेके दे दिये गए हैं जिसका कार्य प्रगति पर है.

इंजीनियरिंग लैंडफिल साइट की स्थापना
इंजीनियरिंग लैंडफिल साइट की स्थापना के लिए दिल्ली विकास प्राधिकरण (डी.डी.ए.) ने निगम को 47.348 एकड़ भूमि दी है, जिसमें से 32.346 एकड़ भूमि पर इंजीनियरिंग लैंडफिल साइट की स्थापना मार्च 2024 में की जा चुकी है. इस स्थान पर तेहखंड, ओखला तथा अन्य बिजली संयंत्रों से निकलने वाली राख का निस्तारण किया जा रहा है.

वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट गाजीपुर में लगाने की है योजना
दिल्ली नगर निगम ने चार वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट-ओखला, नरेला-बवाना, तेहखंड एवं गाजीपुर में स्थापित किए हैं, जिनके द्वारा 6,550 टी.पी.डी. कचरे को संसाधित करके बिजली बनाई जाती है. इसके अलावा नरेला-बवाना में 3600 टी.पी.डी. क्षमता के वेस्ट-टू-एनर्जी प्लांट लगाने का कार्य शुरू करने का भी प्रस्ताव है और तीन हजार टी.पी.डी. क्षमता का  इन दोनों प्लांट के दिसंबर, 2027 एवं 2028 में चालू होने की उम्मीद है. इन संयंत्रों के स्थापित होने के पश्चात् लैंडफिल साइटों पर कूड़ा जाना लगभग समाप्त हो जाएगा.

मई 2023 तक निगम द्वारा 4553 सफाई कर्मचारियों को नियमित किया गया है. दिल्ली नगर निगम ने 308 ई.वी. चार्जिंग स्टेशन शुरू किये हैं और 262 नये ई.वी. चार्जिंग स्टेशन शुरू करने की योजना है. दिल्ली नगर निगम ने 105 अवैध कचरा स्थलों को समाप्त करके उन्हें स्वच्छ स्थलों के तौर पर परिवर्तित किया है.

MCD ने ग्रीन वेस्ट मैनेजमेंट के लिए 51 सेंटर स्थापित किए हैं, जिनमें हर दिन 60 क्विंटल हरित कचरे का निष्पादन किया जाता है. विभाग ने 143 वर्मी कम्पोस्ट बेड भी तैयार किए हैं, जिसके ज़रिए केंचुआ खाद बनाया जा रहा है

मशीनों में टेलीस्कोपिक बूम तंत्र जैसी सुविधा
दिल्ली नगर निगम द्वारा नालों की सफाई एवं डी-सिल्टिंग के उद्देश्य से 4 सुपर सकर यूनिट, 4.5 सी.यू.एम. डस्ट कंटेनर क्षमता वाली 14 ट्रक माउंटेड मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीनें खरीद रहा है. इसके अलावा निगम ने अपने 12 क्षेत्रों के लिए लागत प्रभावी और पर्यावरण अनुकूल सी.एन.जी. ईंधन से संचालित 6 ट्री प्रूनर मशीनें भी खरीदी हैं. इन मशीनों में टेलीस्कोपिक बूम तंत्र जैसी सुविधा है जिससे आसानी से पेड़ों की छंटाई और आकार दिया जा सकता है.

MCD द्वारा ट्री एम्बुलेंस का संचालन आरम्भ कर दिया गया है, जिनके द्वारा 222 खोखले/रोगजनित पेड़ों की ट्री सर्जरी की गई है. दिल्ली नगर निगम के शिक्षा विभाग के अंतर्गत 1531 निगम के प्राथमिक विद्यालय, 43 अनुदान सहायता प्राप्त विद्यालय और 809 मान्यता प्राप्त विद्यालय चल रहे हैं, इनमें 7.12 लाख बच्चों को शिक्षा दी जा रही है.

वित्तीय वर्ष 2024-25 में सम्पत्ति-कर के निर्धारित लक्ष्य 4300 करोड़ रुपये की तुलना में MCD ने जनवरी, 2025 तक 1908.06 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त किया. जबकि गत वित्तीय वर्ष 2023-24 में जनवरी, 2024 तक 1692.41 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था. अर्थात् पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष लगभग 215.65 करोड़ रुपये का अधिक राजस्व प्राप्त हुआ है जो गत वर्ष से 11.30 प्रतिशत अधिक है. हालांकि लक्ष्य से अभी काफी कम है.

पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 के अंतर्गत दिसंबर, 2023 तक निगम को सम्पत्ति हस्तांतरण शुल्क से 2105 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था. वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 में दिसंबर 2024 तक निगम को सम्पत्ति हस्तांतरण शुल्क से 2653 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है, जो पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 548 करोड़ रुपये अधिक है. जो 20.65 प्रतिशत ज्यादा है.

अच्छा और मजबूत बनाया जायेगा आई.टी. सिस्टम
दिल्ली में प्रवेश करने वाले कमर्शियल वाहनों से 13 नाकों पर रेडियो फ्रीक्वेंसी डिवाइस सिस्टम द्वारा रोड टैक्स वसूलने की व्यवस्था कर दी गई हैं. अन्य 111 जगहों पर हैंड हेल्ड डिवाइस है. यह भी कोशिश की जाएगी कि एनवायरनमेंट टैक्स वसूलते समय गाड़ियों की वजह से जाम न लगे इसके लिए आई.टी. सिस्टम को अच्छा और मजबूत बनाया जायेगा.

वित्तीय वर्ष 2024-2025 में विज्ञापन विभाग के बजट अनुमान के अंतर्गत 350 करोड़ रुपये की राजस्व आय का लक्ष्य रखा गया है. वर्तमान वित्तीय वर्ष में 31 जनवरी, 2025 तक निगम के प्रयासों से लगभग 288.37 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया जा चुका है. यह उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष की तुलना में इस समय तक निगम द्वारा 51.66 करोड़ रुपये अधिक राजस्व अर्जित किया जा चुका है.

255 मोबाईल टावर लगाने की दी गई है अनुमति 
पार्किंग स्थलों से एकत्रित राजस्व में निरंतर वृद्धि हो रही है. यह राशि वर्ष 2022-23 में 128.92 करोड़ रुपये थी जोकि 2023-24 में बढ़कर 179.29 करोड़ रुपये हो गई और चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में 28 जनवरी 2025 तक 145.35 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त किया है. पिछले वर्ष तिथि वार तुलना करने पर यह राशि 28 जनवरी, 2024 को लगभग 100 करोड़ रुपये थी. 55 पार्किंग स्थलों में फास्टैग पार्किंग की सुविधा से लैस किया गया है. अन्य जगहों के लिए निगम ने निविदा आमंत्रित की है. दिल्ली नगर निगम ने अपनी संपत्ति पर मोबाइल टावर लगाने की पॉलिसी को लागू किया है जिसके तहत अब तक निगम ने 255 मोबाइल टावर लगाने की अनुमति दी गई है.

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