मतगणना केन्द्रों पर तीन लेयर में तैनात की गई है सुरक्षा व्यवस्था
* परिंदा भी पर नहीं मार सकेगा
नई दिल्ली ( रविन्द्र कुमार ) : दिल्ली में विधानसभा चुनाव में दिल्ली सत्ता की ताजपोशी के अंतिम पड़ाव में आज उम्मीदवारों की किस्मत की पोटली सुबह खुलने जा रही है। ई वी एम में कैद जनादेश की मतगणना के लिए दिल्ली में अति विशेष सुरक्षा व्यवस्था के बीच सेंटरों पर रखी गई हैं जहां की चाकचौबंद सुरक्षा प्रणाली में सेंध लगाना असंभव है। आलम यह है कि परिंदा भी पर नहीं मार सकेगा। सुरक्षा व्यवस्था 3 लेयर से तैयार की गई है। जिसका जिम्मा सशस्त्र सुरक्षा बलों के साथ साथ दिल्ली पुलिस संभाल रही हैं।
दिल्ली के तमाम मतगणना केंद्रों की सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई है। जगह-जगह पुलिस बल तैनात किया गया। ताकि कोई भी बाहरी व्यक्ति या आपत्तिजनक वस्तु अंदर न घुस सके। केवल अधिकृत कर्मचारियों, उम्मीदवारों के एजेंटों और चुनाव अधिकारियों को ही भीतर जाने की अनुमति दी गई है,जिसके लिए वैध आधिकारिक आई डी से प्रवेश दिया जा रहा है । बाहर सुरक्षा घेरे और बैरिकेड्स लगाए गए हैं ।मतगणना सेंटर पर 3 लेयर सुरक्षा व्यवस्था की गई है,जिसमें पहली 100 मीटर दायरे में वाहनों की आवाजाही पर रोक,दूसरे मध्यवर्ती प्रणाली में मतगणना हॉल द्वार पर सेना बल और पुलिस तलाशी के बाद वैध आधिकारिक आई डी कार्ड धारकों को एंट्री दे रही है।
तीसरे घेरे में मतगणना हॉल के द्वार पर सीआर पी एफ के जवान संघन तलाशी के बाद सिर्फ आर .ओ और मतगणना से जुड़े अधिकारियों के प्रवेश के अलावा उम्मीदवार को भी मोबाइल ले जाने की इजाजत नहीं हैं। उत्तर पूर्व जिला अधिकारी अजय कुमार ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि मतगणना हॉल में सिर्फ वैध आधिकारिक की ही एंट्री है इसके अलावा किसी को प्रवेश की अनुमति नहीं है सिर्फ उम्मीदवार और उनके प्रतिनिधि को जाने की अनुमति है।मतगणना की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाएगी जिसकी सीडी,डाटा डीईओ को सुरक्षित अभिरक्षा में रखा जाएगा वीडियोग्राफी में मतगणना प्रक्रिया, व्यवस्था, सामान्य प्रक्रिया, रिटर्निंग अधिकारी की सामान्य प्रक्रिया,प्रेक्षणों द्वारा ई वी एम मशीनों की जांच और मतगणना हॉल की पूरी प्रक्रिया को सुरक्षित रखा जाएगा। सिर्फ जिससे किसी प्रकार का अनुशासनहीनता या अव्यवस्था न हो। मतगणना प्रक्रिया के दौरान किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना की रोकथाम के लिए विशेष तैयारियां की गईं। पुलिस बल के साथ-साथ,और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को भी सहायता के लिए बुलाया गया है। पुलिसकर्मी अपने-अपने स्थानों पर डटे रहे और लगातार स्थिति की निगरानी करते रहे।