रोहताश नगर विधानसभा से शिवानी पांचाल का नाम उभर रहा है तेजी के साथ
* लड़ सकती हैं विधानसभा का चुनाव
– अश्वनी भारद्वाज –
नई दिल्ली ,जी हां आप सही समझे आज हम जिक्र करने जा रहे हैं दिल्ली नगर निगम में सबसे कम उम्र की सदस्य बनी शिवानी पांचाल का | यह जिक्र तो हम कुछ दिन पहले करना चाहते थे लेकिन हमने सोचा सबकी दिवाली ठीक ठाक से मन जाए उसके बाद इस विषय पर चर्चा करेगें | शिवानी पांचाल नगर निगम का पिछला चुनाव रोहताश नगर विधानसभा के रोहताश नगर वार्ड से उन हालत में जीती थी जब इस वार्ड से लड़े आम आदमी पार्टी के दो धुरंधर माने जाने वाले आप प्रत्याशी अच्छे खासे अन्तराल से भाजपा के हाथों हार गए थे |
हालांकि शिवानी की जीत का अन्तराल ज्यादा नहीं था लेकिन विपरीत हालातों में भी जो जीता वही सिकन्दर | जीत के बाद अक्सर विजेता अहंकार के लपेटे में आ जाते हैं और अगले चुनाव में जनता व उनके समर्थक उन्हें पार्टी की हवा होने के बावजूद भी पटखनी दे देतें हैं | समझ गए ना आप, ऐसे लोग ना घर के रहते हैं और ना ही घाट के |
शिवानी जिसे निगम चुनाव से पहले शायद ही कोई जानता हो लेकिन पार्षद बनने के बाद शिवानी की चर्चा ना केवल अपने वार्ड में अपितु पूरे यमुनापार में बड़े अदब के साथ होने लगी | और इसके पीछे केवल उसकी शालीनता,कार्य करने का तरीका व कुशल व्यवहार ही है | शायद यही वजह है आज शिवानी पार्टी के बड़े नेताओं की भी पसंद बनती जा रही है | उच्च शिक्षा प्राप्त शिवानी अपने वार्ड में काफी लोकप्रिय हो चुकी है | अपनी कार्यशैली की बदौलत वह पूरी विधानसभा की लाडली बनती जा रही है | उसकी बढती लोकप्रियता को देखते हुए विपक्षी खेमें में भी बेचैनी की लकीरें साफ़ तौर से पढ़ी जा रही हैं | आप सोच रहे होंगे आखिर हम क्यों शिवानी चालीसा पढ़ रहे हैं , हाँ भाई हमने तो पहले कोई और चालीसा भी पढ़ा था और हमें कामयाबी भी मिली थी, यदि कोई उसे संभाल कर नहीं रख सके तो उसमे हमारा क्या कसूर है |
छोड़िये इन बातों में कुछ नहीं रखा, कहावत है बीती ताहि बिसार दे आगे की सुध ले ,लिहाजा हम तो अब आगे की सुध ले रहे है | शिवानी को पार्टी प्रत्याशी बनाती है या नहीं यह हमारा विषय नहीं है हमारा विषय तो बाद में शुरू हुआ करता है | शिवानी इस बाबत जरुर कहती है मेरी कोई ईच्छा नहीं है लेकिन पार्टी का आदेश सर माथे | वैसे इस विधानसभा से सरिता सिंह सहित कई और दावेदार भी है लेकिन हमें नहीं लगता पार्टी इन दोनों से इतर कोई फैंसला लेगी | आज बस इतना ही …