छोटे उद्योगों से इंडस्ट्रियल यूनिट की जगह कमर्शियल यूनिट चार्ज करना अनुचित : डॉ.अनिल गुप्ता

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छोटे उद्योगों से इंडस्ट्रियल यूनिट की जगह कमर्शियल यूनिट चार्ज करना अनुचित : डॉ.अनिल गुप्ता

     

       * उपराज्यपाल से किया हस्तक्षेप का अनुरोध

नई दिल्ली ( सी.पी.एन.न्यूज़  ) : दिल्ली मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन जो कि दिल्ली के 30 अधिकृत औद्योगिक क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती है उसके प्रेसिडेंट डॉ अनिल गुप्ता  द्वारा आज बिजली कंपनियों द्वारा अधिकृत औद्योगिक क्षेत्र में छोटे-छोटे उद्योगों से इंडस्ट्रियल यूनिट की जगह कमर्शियल यूनिट चार्ज किए जाने का विरोध किया गया उनके द्वारा आज दिल्ली के  उपराज्यपाल, मुख्यमंत्री डीईआरसी चेयरमैन और बिजली कंपनियों के सीईओ को पत्र और ईमेल द्वारा शिकायत भेजी गई जिसमें उनके द्वारा यह आरोप लगाया गया कि बिजली कंपनियां बिना किसी पूर्व  सूचना के औद्योगिक क्षेत्र में इंडस्ट्रियल यूनिट को कमर्शियल यूनिट में बदल देती है और उसे वापसी ठीक करने में उपभोक्ताओं को अनेक तरीकों से प्रताड़ित किया जाता है साथ ही साथ बिना किसी आधार के पीपीएसी दरों को बढ़ाए जाने का भी उन्होंने पुरजोर विरोध किया |

डॉ.अनिल गुप्ता नें उपराज्यपाल को लिखे खत में कहा हम आपके संज्ञान में लाना चाहते हैं कि बी.आई.पी.एल. दिल्ली के एम.एस.एम.ई. से 8.50 रुपये प्रति यूनिट का वाणिज्यिक शुल्क ले रहा है। पिछले 50 वर्षों से अधिक समय से छोटे उद्योग दिल्ली के स्वीकृत औद्योगिक क्षेत्र से काम कर रहे हैं और उन्होंने डेसू और अब बी.आई.पी.एल. से औद्योगिक कनेक्शन लिया है। लेकिन अचानक जनवरी 2024 से बी.आई.पी.एल. ने 7.75 रुपये प्रति यूनिट के बजाय 8.50 रुपये प्रति यूनिट शुल्क लेना शुरू कर दिया है।पूछताछ करने पर उन्होंने औद्योगिक गतिविधि का प्रमाण मांगा। यह ध्यान देने योग्य है कि एम.एस.एम.ई. दिल्ली के स्वीकृत औद्योगिक क्षेत्र से काम कर रहे हैं और बिजली कनेक्शन लेते समय एम.सी.डी. लाइसेंस, डी.पी.सी.सी. की सहमति और अन्य दस्तावेज प्रस्तुत किए गए थे।

हर साल प्रमाण प्रस्तुत करने की क्या आवश्यकता है। बी.आई.पी.एल. बिना किसी सूचना के वाणिज्यिक दर में वृद्धि कर रहा है।  इस मद में बीवाईपीएल ने दिल्ली के एमएसएमई से लाखों रुपए वसूले हैं। बीवाईपीएल बिना किसी सूचना या उचित सुनवाई के नियमित आधार पर बिलों में पीपीएसी शुल्क बढ़ा रहा है। वे पीपीएसी शुल्क बढ़ाने का कारण भी नहीं बताते हैं। यहां तक कि बिल चक्र भी अनियमित है, कभी-कभी यह एक महीने का होता है और कभी-कभी यह एक महीने से कम या अधिक होता है। बीवाईपीएल के एकाधिकारवादी रवैये के कारण दिल्ली के एमएसएमई को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। कृपया दिल्ली के एमएसएमई की मदद करें और बीवाईपीएल की लूट को रोकें।

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