देवेन्द्र यादव की रणनीति पर भारी पड़ेगा अरविन्द्र सिंह का लवली पंच

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देवेन्द्र यादव की रणनीति पर भारी पड़ेगा अरविन्द्र सिंह का लवली पंच

* बड़े स्तर पर कांग्रेसियों को भाजपा में लाने की तैयारी

– अश्वनी भारद्वाज –

नई दिल्ली ,हैडलाइन पढ़ कर आप सोच रहें होंगे देवेन्द्र यादव यानी दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष और अरविन्द्र सिंह यानी दिल्ली भाजपा के प्रमुख रणनीतिकार में क्या कोई बोक्सिंग का मुकाबला होने वाला है | नहीं भाई बोक्सिंग तो नहीं होगी लेकिन लवली कांग्रेस की जमीन जरुर हथियाने की कोशिश करेंगें इस सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता | जिस जमीन पर अरविन्द्र सिंह की नजर है उस जमीन को तैयार करने में भी उनका बड़ा हाथ रहा है | समझ गए ना आप हम कौन सी जमीन की बात कर रहे हैं | वह जमीन जो उन्होंने कांग्रेस में बड़े पदों पर रहकर तैयार की यानी जिला अध्यक्ष से ले प्रदेश अध्यक्ष के साथ-साथ शीला दीक्षित सरकार में अहम मंत्रालय सम्भालने वाले अरविन्द्र सिंह नें अपने कार्यकाल में हजारों कार्यकर्ताओं को ओबलाइज किया है | और उनमे से ज्यादातर आज भी कांग्रेस में अहम पदों पर है |

अरविन्द्र लवली नें बड़ी तादाद में अपने लवलीयों को कांग्रेस की अपनी आखरी पारी में अहम पदों पर बिठाया है | भाजपा में शामिल होने से पूर्व उन्होंने सौ से ज्यादा वार्डों में अपने लवली ब्लाक अध्यक्ष बनाये हैं | उनके माध्यम से लवली एक बड़ा खेल खेलने की तैयारी में बताये जाते हैं | इसी तरह करीब दस पूर्व विधायक उनके बेहद करीबी है लवली का ईशारा मिलते ही वे भी पाला बदलने में देरी नहीं लगायेगें उन्हें यह भी भलीभांति आभास है लवली की भाजपा में अच्छी खासी पिल रही है और कांग्रेस की टिकिट लेकर भी वे हार का चौका ही जड़ पायेगें | लिहाजा वे बोरी बिस्तर बांधे तैयार बैठे हैं कब ईशारा मिले और वे पाला बदलें | इसी तरह तीन दर्जन से अधिक ब्लाक अध्यक्षों के अलावा अहम कमेटियों में बैठे पदाधिकारी है |

आलम यह है कि दिल्ली कांग्रेस का वार रूम हो या कई अन्य समितियां उनमे भी लवली के लवली कुंडली मारे बैठे हैं | हैरानी की बात है कई लवली समर्थक जो भाजपा में जा चुके हैं उनके नाम आज तक कांग्रेस के व्ट्स अप ग्रुप्स से हटाये नहीं गए है और ना ही उन्होंने खुद अपने को ग्रुप्स से अलग किया है | और इस तरह से महत्वपूर्ण जानकारियाँ उन तक शेयर हो रही हैं | दूसरी ओर देवेन्द्र यादव नें सन्गठन के पेंच कसने शुरू कर दिए हैं लेकिन जब तक जयचंदों को महत्वहीन नहीं किया जाएगा देवेन्द्र की कसरत बेकार ही जायेगी | आज बस इतना ही …

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