हर्ष मल्होत्रा : इसे कहते हैं कुंडली में राजयोग का होना
* नहीं मिला था निगम का टिकट,बने केंद्र में मंत्री
– अश्वनी भारद्वाज –
नई दिल्ली ,आपने भी कहावत सुनी होगी कुंडली में बिना राजयोग के राजभोग का अवसर नहीं मिलता यह कहावत पूर्वी दिल्ली से लोकसभा का चुनाव जीते हर्ष मल्होत्रा के केंद्र सरकार में मंत्री पद की शपथ लेने के बाद शत प्रतिशत सही साबित हुई है | वैसे तो इस तरह की अनेक मिसालें हैं जो सीधे नगर निगम से लोकसभा पहुंच गए | लेकिन अपने पहले कार्यकाल में ही केंद्र में मंत्री पद पाने का मौका किसी – किसी के भाग्य में ही होता है | अब भला जिसकी कुंडली में राजयोग हो उसे आगे बढने से कौन रोक सकता है |
भाजपा के समर्पित कार्यकर्ता जिन्होंने युवा मोर्चा से अपना कैरियर शुरू किया मंडल अध्यक्ष बने ,जिला भाजपा में संगठन महामंत्री के बाद जिला नवीन शाहदरा के जिलाध्यक्ष का दायित्व संभाला,रोहताश नगर विधानसभा के तहत वेलकम वार्ड से 2012 में निगम पार्षद बनें और उसी टर्म में मेयर तक के पद पर आसीन हुए | जहां तक उनके व्यवहार का सवाल है बेहद मिलनसार और जमीनी कार्यकर्ता रहे हैं | हमारा उनसे जब सम्पर्क हुआ था जब रोहताश नगर विधानसभा से आलोक कुमार विधानसभा का चुनाव लड़े थे इन बातों को करीब तीन दशक से भी अधिक समय हो चुका है हमने उनके व्यवहार में कभी कोई कमी नहीं देखी | उन्हें आगे बढ़ाने में आलोक कुमार का बड़ा योगदान रहा है | नगर निगम में पहले कार्यकाल के बाद भाजपा नें सभी सीटिंग पार्षदों के टिकिट काट दिए थे |और अगली बार भी हर्ष मल्होत्रा नें वैलकम वार्ड से ही टिकिट मांगी थी | हमारे पूछने पर उन्होंने बताया भी था यदि पार्टी मौका देगी तो जरुर लड़ना चाहेगें लेकिन स्थानीय विधायक जितेन्द्र महाजन के विरोध के चलते उन्हें मौका नहीं मिल पाया था | अब आप ही देखिये मात्र दो साल बाद भाग्य नें करवट ली और पार्टी नें उन्हें लोकसभा का टिकिट थमा दिया और हर्ष मल्होत्रा चुनाव भी जीत गए तथा केंद्र से राज्य मंत्री पद का बुलावा भी आ ही गया | समझ गए ना आप कुंडली में राजयोग का स्थान कैसे मारता है पल्टी | आज बस इतना ही