विश्व मांगल्य सभा द्वारा शिव आराधना कार्यक्रम का आयोजन  :  सुरभि मनोज तिवारी

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विश्व मांगल्य सभा द्वारा शिव आराधना कार्यक्रम का आयोजन  :  सुरभि मनोज तिवारी
विश्व मांगल्य सभा द्वारा शिव आराधना कार्यक्रम का आयोजन  :  सुरभि मनोज तिवारी

विश्व मांगल्य सभा द्वारा शिव आराधना कार्यक्रम का आयोजन  :  सुरभि मनोज तिवारी

नई दिल्ली ( सी.पी.एन.न्यूज़ ) :  श्रावण मास के पावन पर्व पर 6 अगस्त का दिन विश्वमांगल्य  सभा के लिए ऐतिहासिक दिन रहा ।  विश्व मांगल्य सभा दिल्ली प्रांत की तरफ से दिल्ली की अध्यक्ष सुरभि मनोज तिवारी की अध्यक्षता में सामूहिक शिव आराधना के समापन सत्र का आयोजन अम्बेडकर इंटरनेशनल सेंटर में किया गया जिसमें प्रमुख उपस्थित जितेंद्र नाथ महाराज , सभाचार्य, विश्व मांगल्य सभा, अजय भाई जी, राष्ट्र मंदिर संस्थापक , विश्व मांगल्य सभा राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री पूजा देशमुख  तथा स्पेशल ओलंपिक्स भारत की   मल्लिका जेपी नड्डा  की गरिमा में उपस्थिति में संपन्न हुआ । इस शिवमय कार्यक्रम में विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष कपिल खन्ना , प्रांत प्रचारक जतिन , सांसद मनोज तिवारी , सांसद रवि किशन , पंजाब केसरी की निदेशक किरण चोपड़ा, सुदर्शन चैनल के मालिक सुरेश चौहानकर तथा कई मंत्री व सांसद पत्नी भी उपस्थित रहे ।

कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण यह रहा की सावन के महीने में सभागार में एकत्रित 1000 महिलाओं ने एक साथ नर्मदेश्वर शिवलिंग के साथ शिव स्त्रोत का पाठ किया इस अवसर पर जितेंद्र नाथ महाराज ने कहा कि भगवान भोलेनाथ तांडव भी करते हैं और वह तत्व ज्ञान भी है और शिव स्त्रोत के उच्चारण मात्र से हमें इस तत्वज्ञान की अनुभूति होती है मात्र शक्तियों के द्वारा इसका उच्चारण यह साबित करता है की माता दुर्बल नहीं बल्कि जगत की निर्माता है उन्होंने कहा कि विश्व मांगल्य सभा एक विचार है और इसे घर-घर तक पहुंचाना जरूरी है और इस अभियान को दिल्ली में सफल स्वरूप देने के लिए सभी बहने बधाई की पात्र हैं इस अवसर पर अपने संबोधन में अजय भाई अजय ने कहा की मां की महिमा का जीवंत उदाहरण है की छत्रपति शिवाजी महाराज अपनी मां के संस्कारों और मार्गदर्शन से महान बने उनकी मां उनको पांडवों सहित कई वीर योद्धाओं के शौर्य की कहानियां सुनाती थी जिन से प्रेरित होकर छत्रपति शिवाजी महाराज में एक वीर योद्धा के संस्कार भरे ऐसी मां हर घर में होनी चाहिए

इस अवसर पर मल्लिका नड्डा ने कहा कि भगवान शिव सृष्टि के कण-कण में विराजमान है और श्रावण मास में ऐसे आयोजन से शिव की महिमा के हम सभी साक्षात दर्शन हुए हैं उसके लिए हम विश्व मांगल्य सभा के आभारी है जैसे मां पार्वती भगवान शिव के साथ हमेशा खड़ी रहती है इस तरह नारी शक्ति भी सशक्त समाज के साथ खड़ी है समाज को। सहारा देती है यह संस्कार हमें घर-घर तक पहुंचाना है

दिल्ली प्रांत की अध्यक्ष सुरभि मनोज तिवारी ने कहा कि माताएँ परिवार का केंद्र होती हैं । हमें अपने बच्चों के अच्छे पालन-पोषण, अच्छी शिक्षा के साथ ही साथ यह उद्देश्य भी रखना चाहिए कि हमारा बच्चा राष्ट्र हित में कैसे अपना योगदान दे, यदि व बड़ा होकर डॉक्टर, इंजीनियर बने तो उसे राष्ट्र उपयोग में लाए, उन लोगों की मदद पहले करें जो सक्षम नहीं हैं, अपने धर्म का पालन करे, यह क्रांति हम महिलाएं ही उत्पन्न कर सकती हैं । कल जीजा बाई ने किया तभी हमे शिवाजी मिले, आज हमें करना है और यही हमारी संस्कृति है ।

सुरभि तिवारी ने अपनी सासू मां के द्वारा सिखाए गए एक शिव गीत की प्रस्तुति कर शिव की आराधना की । उन्होंने कहा कि शिव हर युग में थे और रहेंगे, उन्हें हमें अपने हृदय में बसाना है, उनसे गृहस्थ जीवन कैसे जीते हैं यह सीखना चाहिये, शिव से हमें भोलापन भी सीखना चाहिए और शिव से हमें दृढ़ता भी सीखना चाहिए । शिव विश्व मांगल्य सभा के आराध्य हैं । आगे उन्होंने कार्यक्रम की जानकारी देते हुए कहा की दिल्ली प्रांत के 25 केंद्रों पर सावन के पवित्र महीने में बहनों ने शिव स्त्रोत का पठन कर एक अनोखी उपमा पेश की है । उन्होंने कहा कि नागपुर में बीते 14 वर्षों से इस तरह का आयोजन किया जा रहा है और दिल्ली कार्यकारिणी का यह सौभाग्य है कि हम सभी बहनों के सहयोग से तीन दिवसीय शिविर के समापन कार्यक्रम में इस विशाल शिवमय स्वरूप को सभागार में  सृजित कर सके ।

इस अवसर पर सांसद मनोज तिवारी ने उपस्थित महिलाओं को शिव महिमा बताते हुए  कहा कि हम सबको शिव स्त्रोत इस तरह पढ़ना चाहिए कि भगवान शिव मन में बसें क्योंकि शिव शक्ति भी है भक्ति भी है और संस्कृति भी उन्होंने कहा कि विश्व मांगल्य सभा दिल्ली प्रांत ने जो कार्य शुरू किए हैं उन्हें लक्ष्य तक पहुंचना है और इस विचार को घर-घर तक पहुंचना है जो सुदृढ़ समाज और समर्थ राष्ट्र के लिए जरूरी है क्योंकि बेटे में मां के संस्कारों से उसके जीवन की दिशा तय होती है और राष्ट्रहित में वेटे के जीवन का लक्ष्य राष्ट्रवाद से प्रेरित होना आवश्यक है

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