अश्वनी भारद्वाज
नई दिल्ली ,अभी हैड्लाईन पढ़ आप सोच रहे होंगें यह क्या लिखा जा रहा है
,लेकिन यह सौ फीसदी सही है और इसकी तैयारी भी हो रही है ,यह बात अलग है
इसकी खबर अभी आम आदमी पार्टी में भी कानों कान किसी को नहीं है | लेकिन
पार्टी के एक बड़े तबके में यह चर्चा शुरू हो चुकी है सी.बी.आई.के टार्गेट
पर अरविन्द केजरीवाल आ चुके है | हालांकि नोटिस का मतलब गिरफ्तारी नहीं
होती लेकिन एक मुख्यमंत्री को नोटिस के मायने भी बड़े होते हैं |
सी.बी.आई.बिना किसी आधार के इतना बड़ा कदम नहीं उठाती | भले ही विपक्षी
दलों के लोग सी.बी.आई.को सरकारी तोता और ना जाने क्या-क्या नाम देते रहे
हैं लेकिन इस तथाकथित तोते नें कई दबंगो की ना केवल दबंगई धोई है बल्कि
उन्हें सलाखों के पीछे डाल धो-धो कर लपेटा है | भारत की राजनीति में एक
दो नहीं अपितु आधे दर्जन से भी ज्यादा बड़े नाम है जिन्हें सी.बी.आई.नें
सबूतों के आधार पर उन्हें उनकी औकात बताई है | सी.बी.आई. को किसी जमाने
में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष संस्था माना जाता था लेकिन बीते कुछ सालों में
इसकी कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे है बावजूद इसके आज भी इसकी जांच पर
ऊँगली उठाना आसान नहीं है | इसकी जांच का एक-एक सवाल कई कई आला
अधिकारीयों की टेबल से होकर गुजरता है यानी गुंजल की गुंजाइश कम ही रहती
है | शुरू में तो मनीष सिसोदिया को भी नोटिस ही मिला था लेकिन जांच आगे
बढती गई और सिसोदिया लिपटते गए और ऐसे लिपटे की उनकी कट्टर ईमानदारी के
तोते सरकारी तोते के आगे बौने साबित हुए | सूत्र तो यहाँ तक बताते हैं
सिसोदिया के रास्ते ही सी.बी.आई.केजरीवाल तक पहुंचे का प्रयास कर रही है
| और अब यह प्रयास परवान चढने लगा है तभी पूछताछ की नौबत आई और बिना
विभाग के मुख्यमंत्री को नोटिस थमाया गया |
मनीष सिसोदिया की तरह यदि केजरीवाल पर भी आंच आती है तो आम आदमी पार्टी
के नेत्रत्व का क्या होगा यह एक बड़ा सवाल है | इस सवाल का जवाब तो आम
आदमी पार्टी के कर्णधार ही दे सकते हैं | यह बात अलग है बहुजन समाज
पार्टी की तर्ज पर आम आदमी पार्टी में भी सिंगल मैंन डिसीजन का प्रावधान
है | शायद यही वजह है आज तक किसी को भी यह भनक नहीं है आखिर आम आदमी
पार्टी में केजरीवाल के बाद नम्बर दो कौन है | लोग भले ही कयास लगाते
रहें लेकिन जिसने भी नम्बर दो बनने की कोशिश की उनका हस्र कुमार विशवास
की तरह ही हुआ | अरविन्द केजरीवाल को नजदीक से जानने वाले मानते है
केजरीवाल आँख बंद कर किसी पर भी भरोसा नहीं करते और हर किसी की कुंडली
उनके पास रहती है ,लिहाजा वे हर कदम फूंक-फूंक कर रखते है ऐसे में यह
गलतफहमी किसी को नहीं पालनी चाहिए कि केजरीवाल पर यदि आंच आती है तो उसका
या उसका नम्बर लग सकता है | ऐसे में केवल और केवल अरविन्द केजरीवाल अपनी
धर्मपत्नी सुनीता केजरीवाल को ही आगे लायेगें इस सम्भावना से इनकार नहीं
किया जा सकता |