बिहार में भारतीय जनता पार्टी के एक सहयोगी है मुकेश साहनी, जिन्होंने अपने को सन ऑफ मल्लाह के नाम से बिहार में स्थापित किया है। पहले मुंबई फिल्म उद्योग से जुड़े रहे और बड़े बड़े फिल्मी सेट्स की डिजाइन में शामिल रहे। उन्होंने पिछला विधानसभा चुनाव भाजपा के साथ मिल कर लड़ा और चार विधायकों के साथ सरकार में शामिल हैं। भाजपा ने उनको एमएलसी बनाया और वे राज्य सरकार में मंत्री हैं। पिछले छह महीने से कुछ ज्यादा समय से वे उत्तर प्रदेश में जोर-आजमाइश कर रहे हैं। उन्होंने यूपी में कई रैलियां की हैं, मल्लाहों का सम्मान किया है, फूलन देवी की याद में कार्यक्रम किए लेकिन भाजपा ने उनकी बजाय निषाद पार्टी को तरजीह दी और गठबंधन का ऐलान कर दिया।
यूपी में भाजपा मुकेश साहनी को भाव नहीं दे रही है तो वे बिहार में दबाव बना रहे हैं, जिससे वहां टकराव बढ़ा है। उनकी पार्टी के एक विधायक मुसाफिर पासवान का पिछले दिनों निधन हुआ तो उससे खाली हुई बोचहां सीट अब भाजपा मांग रही है। यानी भाजपा और मुकेश साहनी की विकासशील इंसान पार्टी के बीच भी तनाव बना हुआ है। ध्यान रहे बिहार में विधानसभा का गणित किसी भी समय उलटफेर करा देने वाला है। भाजपा, जदयू, वीआईपी और हम यानी चार पार्टियों के सत्तारूढ़ गठबंधन के मुकाबले राजद, कांग्रेस और लेफ्ट में सिर्फ 10 सीटों का अंतर है। अगर साहनी और जीतन राम मांझी पाला बदलते हैं तो सरकार बदल सकती है। इसलिए यूपी के साथ साथ बिहार की राजनीति भी बेहद दिलचस्प हो गई है।