भारत रत्न देने की क्या है प्रक्रियाः अवॉर्ड लेने वालों को किन नियमों का करना होता है पालन?

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भारत रत्न देने की क्या है प्रक्रियाः अवॉर्ड लेने वालों को किन नियमों का करना होता है पालन?
भारत रत्न देने की क्या है प्रक्रियाः अवॉर्ड लेने वालों को किन नियमों का करना होता है पालन?

भारत रत्न देने की क्या है प्रक्रियाः अवॉर्ड लेने वालों को किन नियमों का करना होता है पालन?

23 जनवरी को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का ऐलान हुआ था. अब 11 दिन बाद मोदी सरकार ने भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित करने का ऐलान किया है.

पीएम मोदी ने ऐलान करते हुए कहा कि लालकृष्ण आडवाणी हमारे समय के सबसे सम्मानित राजनेताओं में से एक हैं. भारत के विकास में उनका अनोखा योगदान रहा है. उन्होंने जमीनी स्तर पर काम करने की शुरुआत से लेकर उपप्रधानमंत्री रहते हुए तक देश की सेवा की. वह गृह मंत्री और सूचना प्रसारण मंत्री भी रहे. जनता की सेवा में उनकी पारदर्शिता हमेशा याद रहेगी.

राष्ट्र के सर्वोच्च सम्मान का सफरनामा

भारत रत्न, भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है. यह पुरस्कार देश के प्रति अमूल्य योगदान के लिए किसी भी जाति, धर्म, लिंग, व्यवसाय या क्षेत्र के व्यक्ति को दिया जा सकता है. इन सेवाओं में कला, साहित्य, विज्ञान, समाज सेवा और खेल शामिल हैं.

भारत रत्न दिए जाने की शुरुआत 2 जनवरी 1954 से हुई थी. सबसे पहला सम्मान स्वतंत्र भारत के पहले गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी, दूसरा राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन और तीसरा साइंटिस्ट चंद्रशेखर वेंकट रमन को दिया गया था.

भारत रत्न देने की क्या है प्रक्रियाः अवॉर्ड लेने वालों को किन नियमों का करना होता है पालन?

अबतक कितनी हस्तियों को मिला सम्मान

अबतक अलग-अलग क्षेत्रों की 50 हस्तियों को भारत रत्न से नवाजा जा चुका है. ये सम्मान गैर भारतीयों को भी दिया गया है. हालांकि सम्मानित हुए व्यक्तियों में अबतक ज्यादातर राजनेता ही रहे हैं. मरणोपरांत सर्वप्रथम लाल बहादुर शास्त्री को पुरस्कार दिया गया था.

राजनीति से अलग दूसरे क्षेत्रों में भारत रत्न प्राप्त करने वाली कुछ शख्सियत हैं- साइंटिस्ट चंद्रशेखर वेंकटरमन, समाजसेविका मदर टेरेसा, अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन, गायिका लता मंगेशकर, उस्ताद बिस्मिल्लाह खां, क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर, संगीतकार भूपेन हजारिका.

भारत रत्न देने की क्या है प्रक्रिया

भारत रत्न पुरस्कार किसी औपचारिक नामांकन प्रक्रिया के अधीन नहीं है. देश के प्रधानमंत्री किसी भी व्यक्ति को पुरस्कार के लिए नामित कर सकते हैं. इसके अलावा, मंत्रिमंडल के सदस्य, राज्यपाल और मुख्यमंत्री भी प्रधानमंत्री को सिफारिशें भेज सकते हैं.

इन सिफारिशों पर प्रधानमंत्री कार्यालय में विचार-विमर्श होता है और उसके बाद राष्ट्रपति को अंतिम मंजूरी के लिए भेजा जाता है.

राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद ही किसी व्यक्ति को भारत रत्न से सम्मानित किया जाता है. हर साल अधिकतम तीन हस्तियों को ही भारत रत्न दिया जा सकता है. हालांकि ये जरूरी नहीं है कि हर साल भारत रत्न सम्मान दिया ही जाना है. किसी व्यक्ति के जीवन काल या मरणोपरांत दोनों तरह से दिया जाता है.

भारत रत्न से सम्मानित लोगों को मिलता क्या-क्या है?

भारत रत्न से सम्मानित व्यक्ति को एक मेडल और आधिकारिक प्रमाण पत्र दिया जाता है. यह मेडल पीपल के पत्ते जैसा दिखता है, जो शुद्ध तांबे का होता है. यह 5.8 सेमी लंबा, 4.7 सेमी चौड़ा और 3.1 मिमी मोटा होता है. पत्ते पर प्लैटिनम का चमकता सूरज बना होता है. इसका किनारा भी प्लैटिनम का होता है.

मेडल पर नीचे चांदी से हिंदी में भारत रत्न लिखा होता है. जबकि पीछे राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ बना होता है और नीचे हिंदी में ‘सत्यमेव जयते’ लिखा होता है. वहीं सर्टिफिकेट में सम्मानित व्यक्ति का नाम, सम्मानित किए जाने का साल और राष्ट्रपति के साइन होते हैं.

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