अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने पोलैंड में यूक्रेनी शरणार्थियों से की मुलाकात, पुतिन को बताया कसाई

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अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने पोलैंड में यूक्रेनी शरणार्थियों से की मुलाकात, पुतिन को बताया कसाई
अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने पोलैंड में यूक्रेनी शरणार्थियों से की मुलाकात, पुतिन को बताया कसाई

अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने पोलैंड में यूक्रेनी शरणार्थियों से की मुलाकात, पुतिन को बताया कसाई

यूक्रेन में जारी रूस के हमलों के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति पोलैंड पहुंचे। इस दौरान उन्होंने बाइडन ने पोलैंड के राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा से वारसॉ में मुलाकात की। यहां अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि नाटो पूरी तरह से एकजुट है। हमारे दृष्टिकोण में कोई अलगाव नहीं होना चाहिए। मुझे विश्वास है कि व्लादिमीर पुतिन को यकीन था कि वह नाटो को विभाजित कर देंगे और पूर्व को पश्चिम से अलग करने में सक्षम होंगे। इसके बाद बाइडन ने वारसॉ में यूक्रेनी शरणार्थियों से मुलाकात की। यहां उन्होंने पुतिन पर हमला बोला और उन्हें एक कसाई बताया।

यूरोप दौरे के अंतिम दिन बाइडन ने पोलैंड को भरोसा दिलाया कि अमेरिका रूस के किसी भी हमले से उसका बचाव करेगा। उन्होंने कहा कि आपके देश की स्वतंत्रता को लेकर हमारी प्रतिबद्धता है। समय बहुत कठिन है, मगर आज पोलैंड-अमेरिका के संबंध मजबूत हो रहे हैं।

यूक्रेन को आर्थिक मदद का एलान

  • अमेरिकी राष्ट्रपति ने देर रात पोलैंड की राजधानी को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने यूक्रेन को आर्थिक मदद देने का एलान भी किया। पोलैंड के वारसॉ में एक संबोधन में बाइडन ने रूस को निशाने पर लेते हुए कहा कि यूक्रेन पर हमले का रूस के पास कोई तर्क नहीं है। इस बर्बर हमले के लिए रूस जिम्मेदार है। हम यूक्रेन के साथ खड़े हैं।
  • उन्होंने कहा कि प्रतिबंधों की वजह से रूस की आर्थिक स्थिति खराब है। इस युद्ध में रूस की रणनीतिक हार हुई है। मैंने यहां यूक्रेन के शरणार्थियों की तकलीफ देखी है। यूक्रेन के लोग अपनी आजादी की लड़ाई लड़ रहे हैं। यूक्रेन की रक्षा के लिए अमेरिका खड़ा रहेगा।
  • बाइडन ने पोलैंड को सुरक्षा का भरोसा देते हुए कहा कि अमेरिकी फौज हर मदद के लिए पोलैंड में मौजूद है। नाटो देशों की रक्षा के लिए अमेरिकी सेना मौजूद है। हमें लोकतंत्र की मजबूती के लिए लड़ना है। हमें लंबी लड़ाई के लिए तैयार रहना होगा।
  • बाइडन ने कहा कि रूस नाटो देशों की सीमा में घुसने की कोशिश भी न करे। इसके साथ ही रूस से तेल खरीदकर युद्ध मशीन की मदद न करें। यूरोप तेल के लिए रूस पर निर्भरता खत्म करनी होगी।

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