Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में राम मंदिर पर आतंकी हमले की साजिश रच रहे संदिग्ध आतंकी अब्दुल रहमान को हरियाणा के फरीदाबाद से गिरफ्तार किया गया था. उसके ठिकानों पर छापेमारी के दौरान एक पेन ड्राइव बरामद हुआ है, जिसमें हमले का ब्लूप्रिंट था.
अब्दुल रहमान ने राम मंदिर और प्रशासनिक कार्यालय के अलावा कई अन्य धार्मिक स्थलों की जानकारी जुटाई थी. अब्दुल को अपने आका के इशारे का इंतजार था. जैसे ही उसे ग्रीन सिग्नल मिलता, वो राम मंदिर पर ग्रैनेड से हमला कर देता.
अलग-अलग शहरों में ISKP के मॉड्यूल
जांच में यह भी सामने आया है कि आईएसकेपी का ये मॉड्यूल सिर्फ अब्दुल तक ही सीमित नहीं है, मॉड्यूल के स्लीपर सेल कई अन्य शहरों में भी मौजूद हैं. अब्दुल के मोबाइल से कई वाट्सएप ग्रुप की जानकारी मिली, जिनमें पाकिस्तान के कई नंबरों की तफ्तीश जारी है. कोडेड चैट को डिकोड करने में एक्सपर्ट्स की मदद ली जा रही है. अब्दुल की निशानदेही पर अब सुरक्षा एजेंसियों ने यूपी के दूसरे शहरों में भी तफ्तीश तेज कर दी है और मॉड्यूल से जुड़े अन्य संदिग्धों की तलाश तेज कर दी गई है.
गुजरात ATS ने फरीदाबाद से किया था गिरफ्तार
गुजरात एटीएस ने सोमवार (3 मार्च) को अब्दुल रहमान को फरीदाबाद से गिरफ्तार किया था. उसके पास से दो हैंड ग्रेनेड भी बरामद किए गए हैं. बताया जा रहा है कि वो फरीदाबाद से आगे की ओर रवाना होने वाला था, लेकिन उसे समय रहते गिरफ्तारी कर लिया गया. इस गिरफ्तारी के बाद यूपी पुलिस भी एक्शन में आ गई है. वह भी अब्दुल से पूछताछ कर सकती है.
ISI के निशाने पर था राम मंदिर
सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, जब से अयोध्या में राम मंदिर बनकर तैयार हुआ है, तबसे ही आईएसआई यहां आतंकी साजिश रच रही थी. इसी को देखते हुए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ने अब्दुल रहमान को तैयार किया गया था, वो अयोध्या में राम मंदिर की कई बार रेकी भी कर चुका था. यही नहीं उसने राम मंदिर की सुरक्षा को लेकर भी अहम जानकारियां आईएसआई के साथ शेयर कीं थी. आतंकियों का मकसद हेंड ग्रैनेड से हमला कर राम मंदिर को नुकसान पहुंचाना था.
अयोध्या का ही रहने वाला है अब्दुल रहमान
संदिग्ध आतंकी अब्दुल रहमान अयोध्या का ही रहने वाला है. उसकी उम्र 19 साल है. वो ट्रेन पकड़कर फैजाबाद से फरीदाबाद तक पहुंचा था. जहां उसे हैंडलर ने ग्रैनेड दिए थे. वो ग्रैनेड लेकर वापस अयोध्या लौट ही रहा था, उससे पहले सुरक्षा एजेंसियों को इनपुट मिल गया और गुजरात एटीएस ने तुरंत फरीदाबाद पहुंचकर आरोपी को यहीं दबोच लिया.