हिंसा के बीच श्रीनगर के SSP का मणिपुर हुआ ट्रांसफर, कौन हैं राकेश बलवाल?

0
73

हिंसा के बीच श्रीनगर के SSP का मणिपुर हुआ ट्रांसफर, कौन हैं राकेश बलवाल?

मणिपुर में जारी हिंसा के बीच कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने आईपीएस राकेश बलवाल को AGMUT कैडर से मणिपुर कैडर में वापस भेजने के गृह मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.

मणिपुर में हिंसा जारी है. इस बीच श्रीनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) राकेश बलवाल को मणिपुर कैडर में वापस भेज दिया गया है. बलवाल आतंकी संबंधित मामलों को संभालने में एकस्पर्ट माने जाते हैं. बलवाल को दिसंबर 2021 में अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश (एजीएमयूटी) काडर में भेजा गया था.

अब उन्हें मणिपुर में एक नई पोस्टिंग सौंपी जाएगी, जहां मैतेई और आदिवासी कुकी समुदाय के बीच इस साल मई से लगातार हिंसक झड़पें हो रही हैं और राज्य में हालात खराब हो रहे हैं. हाल ही में दो छात्रों के शवों की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद तनाव और बढ़ गया. जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं.

उधमपुर के रहने वाले हैं राकेश बलवाल

एक आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने आईपीएस राकेश बलवाल को AGMUT कैडर से मणिपुर कैडर में वापस भेजने के गृह मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. बलवाल जम्मू कश्मीर के उधमपुर के रहने वाले हैं. उन्होंने मणिपुर पुलिस में विभिन्न पदों पर काम किया है और आखिरी बार 2017 में चुराचांदपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रहे थे. उन्होंने थोबल और इंफाल जैसे इलाकों में भी काम किया है.

श्रीनगर के एसएसपी का पद संभाला

गौरतलब है कि राकेश ने ऐसे समय में श्रीनगर के एसएसपी का पद संभाला था जब शहर में अल्पसंख्यकों की हत्या और पुलिसकर्मियों पर हमले सहित कई आतंकवादी गतिविधियां देखी जा रही थीं.कार्यभार संभालने के बाद बलवाल ने शहर के भीतर कानून-व्यवस्था में सुधार लाने पर ध्यान केंद्रित किया और यह सुनिश्चित किया कि यहां से कोई आतंकी न रहे है और अल्पसंख्यकों या सुरक्षा बलों पर कोई हमला न हो पाए.

राकेश के कार्यकाल में मनाया गया स्वतंत्रता दिवस

उनके ही कार्यकाल में तीन दशक बाद श्रीनगर की सड़कों पर मुहर्रम का जुलूस निकालने की अनुमति दी गयी और इस साल स्वतंत्रता दिवस समारोहों में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया. उनके कार्यकाल में ही जी20 के पर्यटन कार्यकारी समूह की मेजबानी जैसे कई अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम शांतिपूर्वक आयोजित किए गए.

कई पदकों से हो चुके हैं सम्मनित

बलवाल को कई पदकों से भी सम्मानित किया जा चुका है. उनके कार्यकाल में ही मीरवाइज उमर फारूक को चार साल बाद हाल में घर में नजरबंदी से रिहा किया गया और ऐतिहासिक जामा मस्जिद में शुक्रवार की नमाज पढ़ने की अनुमति दी गई.

NIA में पुलिस अधीक्षक भी रहे

श्रीनगर एसएसपी का पदभार संभालने से पहले बलवाल प्रतिनियुक्ति के आधार पर साढ़े तीन साल नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) में पुलिस अधीक्षक रहे. वह 2019 के पुलवामा आतंकवादी हमले की जांच करने वाले दल का भी हिस्सा थे.

मणिपुर में जातीय हिंसा

बता दें कि मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में जनजातीय एकजुटता मार्च के बाद तीन मई को राज्य में जातीय हिंसा भड़क गई थी. हिंसा की घटनाओं में अब तक 180 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here