कांग्रेस पर बढ़ रहा है एक महिला को चुनाव लड़वाने का दबाव
* सोनिया गांधी चाहती हैं महिला की भागीदारी
* भाजपा नें उतारी है मैदान में दो महिलाएं
– अश्वनी भारद्वाज –
नई दिल्ली , स्व.प्रधानमन्त्री राजीव गांधी द्वारा सत्ता में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने वाली कांग्रेस पार्टी के रणनीतिकार आखिर आगामी लोकसभा चुनावों में दिल्ली की सीटों से एक भी महिला प्रत्याशी क्यों नहीं उत्तार रहे यह चर्चा दिल्ली की सियासत में दिन भर चलती रही | और ऐसा भी नहीं कि कांग्रेस में महिला नेताओं की कोई कमी है | गठ्बन्धन के तहत कांग्रेस को मिली तीनो सीटो पर ही महिला दावेदार है लेकिन सूत्र बताते है पार्टी रणनीतिकार उन्हें केवल महिला सशक्तिकरण के नारे तक ही सीमित रखना चाहते हैं | और शायद ही किसी महिला को प्रत्याशी बनाने पर गम्भीरता से चर्चा तक हो रही हो |
वैसे महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा का नाम चांदनी चौक से कम से कम तीन सम्भावित लोगो की सूची तक तो पहुंच गया है लेकिन वह और आगे बढ़ेगा इसमें अभी दिस – दैट है | पूर्व केन्द्रीय मंत्री कृष्णा तीर्थ का नाम उत्तर पश्चिमी सीट से चला और बिना स्पीड पकड़े थम गया | इसी तरह से पूर्व छात्र नेता रागनी नायक भी नायक बनने की रेस से बाहर हो गई | अब सवाल उठना लाजमी है जहां भारतीय जनता पार्टी नें सात सीटों में से दो महिलाएं उत्तार कर आधी आबादी को साधने का संदेश दे दिया हैं वही गठ्बन्धन के तहत ना तो आम आदमी पार्टी नें चार सीटों में से एक भी महिला को मौका दिया और ना ही कांग्रेस देने जा रही | फिर भाजपा को तो बैठे बिठाये यह मुद्दा मिल जाएगा | मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली कांग्रेस की कुछ महिलाओं नें सोनिया गांधी तक अपनी पीड़ा पहुंचाई है और सोनिया गांधी नें इस बाबत के.सी.वेणुगोपाल से पूछताछ भी की ही | इस कवायद का क्या परिणाम होगा यह तो समय ही बताएगा लेकिन गठबंधन को इस बात के जवाब तो देने ही होंगे किस महिला सशक्तिकरण की बात करता है गठबंधन | आज बस इतना ही ..