Surat: सूरत की डायमंड फैक्ट्री में जहरीले पानी से मचा हड़कंप: 118 कर्मचारी बीमार, आरोपी की तलाश जारी

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Surat: सूरत की डायमंड फैक्ट्री में जहरीले पानी से मचा हड़कंप: 118 कर्मचारी बीमार, आरोपी की तलाश जारी

गुजरात के सूरत शहर में स्थित एक डायमंड फैक्ट्री में उस समय सनसनी फैल गई जब वाटर कूलर से पानी पीने के बाद दर्जनों मजदूरों की तबीयत अचानक बिगड़ने लगी। यह चौंकाने वाली घटना कापोदरा इलाके के हीराबाग के पास स्थित मिलेनियम कॉम्प्लेक्स की अनुब जेम्स नामक डायमंड प्रोसेसिंग फैक्ट्री में घटी, जहां 150 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं। जहरीला पानी पीने से अब तक 118 मजदूर बीमार हो चुके हैं, जिनमें से दो की हालत गंभीर बताई जा रही है।

घटना के तुरंत बाद फैक्ट्री में हड़कंप मच गया। कई कर्मचारियों ने पानी पीने के तुरंत बाद सिर चकराने, उल्टी, पेट दर्द और बेहोशी जैसी शिकायतें कीं। फैक्ट्री प्रबंधन को जब पानी में बदबू आने की बात पता चली, तो उन्होंने पानी के स्रोत की जांच करवाई। जांच के दौरान वाटर कूलर के पास से सल्फास (एल्यूमीनियम फॉस्फाइड) की गोलियां मिलीं, जो एक अत्यंत घातक और जानलेवा कीटनाशक होता है।

फैक्ट्री प्रबंधन ने तत्परता दिखाते हुए सभी प्रभावित मजदूरों को अस्पताल भिजवाया। 104 कर्मचारियों को सूरत के किरण अस्पताल में भर्ती किया गया, जबकि 14 को डायमंड अस्पताल ले जाया गया। इन सभी में दो की हालत गंभीर होने पर उन्हें आईसीयू में रखा गया है। बाकी मजदूरों का इलाज सामान्य वार्ड में जारी है। स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों की टीम लगातार मजदूरों की हालत पर नजर बनाए हुए है।

पुलिस को जैसे ही सूचना मिली, वे तुरंत मौके पर पहुंचे और जांच शुरू की। प्राथमिक जांच में सल्फास के दो पैकेट बरामद हुए—एक खुला हुआ और दूसरा सीलबंद। यह स्पष्ट संकेत है कि किसी ने जानबूझकर फैक्ट्री के पानी में जहर मिलाया। पुलिस ने इसे गंभीर आपराधिक मामला मानते हुए भारतीय न्याय संहिता की धारा 109(1) के तहत हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर लिया है।

जांच को तेज़ी से आगे बढ़ाते हुए पुलिस ने पांच विशेष जांच दल गठित किए हैं, जो फैक्ट्री परिसर में लगे CCTV कैमरों की फुटेज खंगाल रहे हैं। पुलिस का कहना है कि वे फुटेज के जरिए यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि किसने कब वाटर कूलर के पास संदिग्ध गतिविधि की। साथ ही सल्फास के पैकेट पर छपे बैच नंबर और पैकेजिंग विवरण के आधार पर यह जानने की कोशिश की जा रही है कि यह घातक रसायन कहां से खरीदा गया और किसके द्वारा फैक्ट्री तक पहुंचाया गया।

सूरत पुलिस ने अब तक किसी संदिग्ध की गिरफ्तारी नहीं की है, लेकिन उन्होंने आश्वासन दिया है कि CCTV और अन्य सबूतों के आधार पर आरोपी को जल्द ही पकड़ लिया जाएगा। घटना ने न सिर्फ फैक्ट्री के कर्मचारियों और उनके परिवारों को झकझोर कर रख दिया है, बल्कि पूरे शहर में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिंता पैदा कर दी है।

इस घटना के बाद राज्य सरकार और श्रम विभाग भी हरकत में आ गया है। सभी औद्योगिक इकाइयों को अपने परिसर में सुरक्षा उपायों की समीक्षा करने और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं फैक्ट्री प्रशासन को भी इस मामले में पूरी तरह सहयोग करने के लिए कहा गया है।

यह पहली बार नहीं है जब औद्योगिक क्षेत्र में इस तरह की जहरीली साजिश का मामला सामने आया है, लेकिन इस बार मामला डायमंड उद्योग से जुड़ा है, जो सूरत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। ऐसे में पुलिस और प्रशासन पर दबाव है कि जल्द से जल्द सच्चाई सामने लाई जाए और दोषियों को सख्त सजा दिलाई जाए।

फिलहाल, मजदूरों का इलाज जारी है और पुलिस की जांच में तेजी आ गई है। सवाल अब यह है कि आखिर किसने और क्यों वाटर कूलर में जहर मिलाया? क्या यह किसी आंतरिक रंजिश का परिणाम है या इसके पीछे कोई बड़ी साजिश छिपी है? इन सवालों का जवाब आने वाले दिनों में जांच के जरिए सामने आ सकेगा। तब तक सूरत की यह घटना पूरे राज्य में चर्चा का विषय बनी हुई है।

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