Paralympics 2024: भारत की झोली में आया 16वां मेडल, वर्ल्ड चैंपियन दीप्ति जीवांजी ने जीता ब्रॉन्ज मेडल

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deepthi jeevanji wins bronze medal in athletics paralympics 2024 womens 400m race Paralympics 2024: भारत की झोली में आया 16वां मेडल, वर्ल्ड चैंपियन दीप्ति जीवांजी ने जीता ब्रॉन्ज मेडल

 

Deepthi Jeevanji Wins Bronze Medal in Athletics: भारत को पैरालंपिक्स 2024 में 16वां मेडल मिल गया है. दीप्ति जीवांजी ने टी20 कैटेगरी में महिलाओं की 400 मीटर रेस के फाइनल में ब्रॉन्ज मेडल जीता है. उन्होंने 55.82 सेकेंड में रेस पूरी करके मेडल पर निशाना साधा है. यह पहला मौका है जब दीप्ति पैरालंपिक खेलों में भाग लेने पहुंची थीं. चूंकि फिलहाल वर्ल्ड रिकॉर्ड उन्हीं के नाम है, इसलिए उन्हें गोल्ड जीतने की प्रबल दावेदार माना जा रहा था.

एक तरफ भारत की दीप्ति ने 55.82 सेकेंड में रेस पूरी की. सिल्वर मेडल तुर्की की एसेल ओंडेर ने जीता, जिन्होंने 55.23 सेकेंड में रेस पूरी की. गोल्ड मेडल यूक्रेन की यूलिया शूलियर ने जीता है, जिन्होंने 400 मीटर की रेस को 55.16 सेकेंड में समाप्त किया. दीप्ति ने रेस के आखिरी क्षणों में खुद को काफी पुश किया और गोल्ड जीतने के बेहद करीब भी आ गई थीं, लेकिन आखिरी 10 मीटर में यूक्रेन की धाविका ने अपनी रफ्तार तेज करके गोल्ड पर निशाना साधा.

मौजूदा वर्ल्ड चैंपियन हैं दीप्ति

पैरा एथलेटिक्स में महिलाओं की 400 मीटर रेस टी20 कैटेगरी में भारत की दीप्ति मौजूदा वर्ल्ड चैंपियन हैं. उन्होंने इसी साल कोबी में हुई पैरा एथलेटिक्स वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता था. वो इसके अलावा 2022 में हुए एशियाई पैरा खेलों में भी गोल्ड मेडल विजेता रही थीं. यह भी बताते चलें कि दीप्ति ने पैरालंपिक्स की किसी एथलेटिक्स प्रतियोगिता में भारत को छठा मेडल दिलाया है. उनसे पहले प्रीति पाल एथलेटिक्स में 2 ब्रॉन्ज मेडल जीत चुकी हैं. सुमित अंतिल ने जेवलिन थ्रो में गोल्ड जीता, वहीं निषाद कुमार और योगेश कथुनिया सिल्वर मेडल अपने नाम कर चुके हैं.

कौन हैं दीप्ति जीवांजी?

दीप्ति जीवांजी का जन्म 27 सितंबर 2003 को तेलंगाना के कालेड़ा गांव में हुआ था. उनकी उम्र अभी महज 21 साल है, लेकिन बहुत थोड़े समय में उन्होंने पैरा एथलेटिक्स में खूब नाम कमा लिया है. दीप्ति के परिवार का जीवन बेहद संघर्षपूर्ण रहा है. आर्थिक तंगी के चलते उनके माता-पिता को आधा एकड़ जमीन तक बेचनी पड़ी थी. मगर इस पैरा एथलीट ने सभी दिक्कतों से निजात पाकर दुनिया भर में देश का नाम रोशन किया है.

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