श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन भक्तों ने किया,भगवान कृष्ण के जन्म की लीलाओं का रसपान
नई दिल्ली ( सी.पी .एन.न्यूज़ ) : वर्तमान के बदलते कालखण्ड में नाना प्रकार के कष्टों से पीड़ित मानव प्राणी में भगवत ज्ञान की ज्योति जगाने के दृष्टिगत कृष्णा नगर के चन्दू पार्क स्थित ” सिद्ध पीठ श्री सीताराम संत सेवा मंदिर एवम गौशाला ” परिसर में 8 अगस्त से ” महामंडलेश्वर राम गोविंद दास महात्यागी महाराज ” के पावन सानिध्य में चल रहे 8 दिवसीय ” श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ समारोह ” में चौथे दिन भागवत प्रेमियों ने कथा व्यास : पंडित अशोक कृष्ण ठाकुर के श्री मुख से भगवान कृष्ण जन्म की लीलाओं का रसपान किया ।
इस अवसर पर प्रसिद्ध समाजसेवी सुशील पुन्यानी , पूर्व निगम पार्षद रोमेश गुप्ता , भाजपा नेता विपिन जैन सहित कई अन्य प्रतिष्ठित लोगों द्वारा भी श्रीमद भागवत कथा का रसपान किया गया ।
श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ समारोह में चौथे दिन भारी तादाद में जुटे धर्म प्रेमी श्रद्धालुओं पर ज्ञान गंगा की अमृत वर्षा करते हुए भागवत कथा मर्मज्ञ ” पंडित अशोक कृष्ण ठाकुर ” ने बताया कि जब जब धरती पर अनीति अत्याचार अधर्म का साम्राज्य बढ़ता है तब तब भगवान स्वयं प्रलयकारी रूप धारण कर सृष्टि का उलटफेर किया करते है एवं जन्म लेकर धर्म और सनातन संस्कृति के उत्थान की दिशा में पुन: सृष्टि का निर्माण करते है। भगवान कृष्ण के जन्म की लीला से यह ज्ञान मिलता है कि मनुष्य के जीवन में विपत्तियां कितनी ही बड़ी क्यों न आ जायें लेकिन उसे कभी घबराना नहीं चाहिए। केवल ईश्वर के श्री चरणों में ही अपना ध्यान रखना चाहिए और सब कुछ उन्हीं पर आश्रित कर देना चाहिए। क्योंकि जब हम ईश्वर के अधीन आश्रित हो जाते है। तो हमारे संपूर्ण संतापों का हरण वो स्वयं कर लेते हैं।
इस पुनीत अवसर पर महामंडलेश्वर रामगोविंद दास महात्यागी महाराज ने भगवत प्रेमियों को अमृत सन्देश देते हुए बताया कि श्रीमद् भागवत कथा कल्पवृक्ष के समान है, जिससे सभी इच्छाओं की पूर्ति की जा सकती है और अंत में मोक्ष की प्राप्ति होती है। ज्ञात रहे श्रीमद्भा गवत कथा का श्रवण करने से जहां जीव का उद्धार हो जाता है वहीं इसे कराने वालों के पितृ तक तर जाते है। इसलिए वर्तमान कलिकाल में संसार के हर मनुष्य को अपने जीवन की व्यस्त जिंदगी में से कुछ समय निकालकर श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण जरूर करना चाहिए।इस दौरान उपस्थित सभी भागवत प्रेमियों द्वारा मंगल गान गाये गये। बाल स्वरूप भगवान श्री कृष्ण का पूजन अर्चन कर धूमधाम के साथ जन्मोत्सव मनाया गया ।