Iran Israel War: ईरान-इज़राइल जंग: 950 की मौत, अमेरिका भी कूदा युद्ध में, मध्य-पूर्व तबाही के कगार पर
मध्य-पूर्व इस वक्त बारूद के ढेर पर बैठा है। 13 जून की रात इज़राइल द्वारा ईरान पर किए गए भयावह एयरस्ट्राइक ने क्षेत्रीय सुरक्षा को झकझोर दिया। अब तक ईरान में 950 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 3,450 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। यह हमला ईरान के फोर्डो, नतांज और इस्फ़हान जैसे संवेदनशील परमाणु स्थलों को निशाना बनाकर किया गया था।
इसके बाद हालात तेजी से बिगड़े और युद्ध का दायरा बढ़ गया। अमेरिका ने भी हस्तक्षेप करते हुए ईरान के कई परमाणु केंद्रों पर मिसाइल हमले किए। अमेरिकी मिसाइल हमले के जवाब में ईरान ने भीषण जवाबी कार्रवाई करते हुए इज़राइल के तेल अवीव, हाइफा और अन्य 10 शहरों पर मिसाइलें दागीं, जिनमें कम से कम 11 इज़राइली नागरिक घायल हुए हैं। बताया जा रहा है कि तेल अवीव में एयर सायरन तक काम नहीं कर सके, जिससे अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
परमाणु वैज्ञानिकों और जनरलों की मौत
इज़राइली जवाबी हमले में ईरान के वरिष्ठ वैज्ञानिकों और सैन्य जनरलों की मौत हुई है। ये हमले ड्रोन और मिसाइलों की मदद से किए गए। हालांकि कई मिसाइलें अमेरिका द्वारा बीच रास्ते में ही इंटरसेप्ट कर दी गईं।
हूती विद्रोहियों की चेतावनी
ईरान समर्थित यमन के हूती विद्रोहियों ने चेतावनी दी है कि अगर अमेरिका ने ईरान पर हमले जारी रखे तो वे लाल सागर में अमेरिकी युद्धपोतों को निशाना बनाएंगे। इससे समुद्री व्यापार पर बड़ा संकट खड़ा हो सकता है और वैश्विक अर्थव्यवस्था को झटका लग सकता है।
अमेरिका की कूटनीतिक उलझन
हालांकि अमेरिका ने खुद को अब तक प्रत्यक्ष युद्ध से दूर रखने की कोशिश की है, लेकिन उसकी मिसाइल इंटरसेप्शन और सैन्य सहायता ने युद्ध में उसकी सीधी भागीदारी को उजागर कर दिया है। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को 2 हफ्ते का अल्टीमेटम देते हुए सीजफायर और बातचीत की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि अगर ईरान पीछे नहीं हटा तो “अमेरिका और बड़े हमले करेगा।”
वैश्विक प्रतिक्रिया: समर्थन और विरोध
इज़राइल में युद्ध को लेकर राष्ट्रीय एकजुटता देखी जा रही है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिका की कार्रवाई को “शक्ति के बल पर शांति” की नीति बताते हुए समर्थन दिया। वहीं दूसरी ओर रूस और चीन ने अमेरिका के हमलों की कड़ी आलोचना की है।
रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह हमला क्षेत्र को अनियंत्रित युद्ध की ओर ले जा रहा है और अमेरिका को तुरंत आक्रामकता रोकनी चाहिए।
चीन ने अमेरिका की कार्रवाई को संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन करार दिया और कहा कि इससे वैश्विक स्थिरता को गंभीर खतरा है।
निष्कर्ष
ईरान और इज़राइल के बीच यह संघर्ष अब पूरी दुनिया को प्रभावित कर रहा है। 950 से ज्यादा मौतें, हजारों घायल, अमेरिका की सीधी सैन्य भागीदारी और हूती विद्रोहियों की चेतावनी से संकेत मिलते हैं कि हालात जल्द नहीं सुधरने वाले। यह जंग अब केवल दो देशों की नहीं, बल्कि एक वैश्विक टकराव में बदलती जा रही है।