Saharanpur Fire: सहारनपुर ट्रेड फेयर में भीषण आग, 30 से ज्यादा दुकानें जलकर खाक, करोड़ों का नुकसान
सहारनपुर, उत्तर प्रदेश – शनिवार सुबह सहारनपुर के दिल्ली रोड स्थित साउथ सिटी मैदान में उस समय अफरा-तफरी मच गई जब एक महीने से चल रहे ट्रेड फेयर में अचानक भीषण आग लग गई। यह हादसा करीब सुबह 7 बजे हुआ, जब अधिकांश दुकानदार या तो सो रहे थे या बकरीद की नमाज अदा करने के लिए गए हुए थे। तभी मेला परिसर में अचानक धुएं का गुबार उठता दिखाई दिया और कुछ ही मिनटों में आग की लपटों ने पूरे पंडाल को अपनी चपेट में ले लिया।
स्थानीय प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आग इतनी तेजी से फैली कि किसी को संभलने तक का मौका नहीं मिला। प्लास्टिक और कपड़े से बने अस्थायी पंडाल, साथ ही दुकानों में रखे प्लास्टिक और अन्य ज्वलनशील सामान ने आग को और भड़का दिया। देखते ही देखते करीब 30 से अधिक दुकानें पूरी तरह जलकर राख हो गईं।
करोड़ों की संपत्ति स्वाहा, लेकिन बड़ी अनहोनी टली
इस हादसे में करोड़ों रुपए के नुकसान का अनुमान है। दुकानदारों का कहना है कि वे पिछले कई हफ्तों से मेला स्थल पर व्यवसाय कर रहे थे और यह ट्रेड फेयर स्थानीय निवासियों के लिए एक बड़ा आकर्षण बन गया था, जहां हर दिन हजारों लोग खरीदारी, झूले और खानपान का आनंद लेने पहुंचते थे।
सौभाग्य से जब यह हादसा हुआ, उस समय मेला बंद था और किसी भी आम नागरिक की जान नहीं गई। यह एक बड़ी राहत की बात रही, वरना इस तरह की भीषण आग, मेला चालू रहने की स्थिति में एक बहुत बड़ी त्रासदी बन सकती थी।
दमकल की त्वरित कार्रवाई ने रोकी आग की और तबाही
आग लगने की सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियाँ तुरंत मौके पर पहुंचीं। दमकलकर्मियों ने करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। फायर स्टेशन ऑफिसर (FSO) प्रताप सिंह ने बताया कि आग बुझाने में विशेष परेशानी इसलिए आई क्योंकि अधिकांश दुकानें प्लास्टिक सामग्री से भरी हुई थीं, जो तेजी से आग पकड़ती हैं और उसे फैलाती हैं।
उन्होंने बताया कि “यदि थोड़ी देर और हो जाती, तो आग पास की रिहायशी कॉलोनियों तक पहुंच सकती थी। हमारी टीम ने समय पर कार्रवाई कर एक बड़ी दुर्घटना को टाल दिया।”
आग के कारणों की जांच शुरू
फिलहाल आग लगने के कारणों का स्पष्ट पता नहीं चल सका है। प्रारंभिक जांच में शॉर्ट सर्किट की संभावना जताई जा रही है, लेकिन प्रशासन और दमकल विभाग ने विस्तृत जांच के आदेश दे दिए हैं।
प्रशासन ने दुकानदारों से नुकसान का आकलन करने के लिए सूची मांगी है और आश्वासन दिया है कि जिनका नुकसान हुआ है, उन्हें मुआवजे की प्रक्रिया के तहत सहायता दी जाएगी।
मेले की व्यवस्था पर उठे सवाल
इस हादसे के बाद मेला आयोजकों और स्थानीय प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं। सवाल यह है कि यदि मेला इतने बड़े पैमाने पर आयोजित किया जा रहा था, तो आग से निपटने के लिए पर्याप्त इंतजाम क्यों नहीं किए गए?
स्थानीय लोग और पीड़ित दुकानदार अब इस घटना की निष्पक्ष जांच और उचित मुआवजा मिलने की मांग कर रहे हैं।