Gujarat Earthquake: गुजरात के गिर सोमनाथ में भूकंप के झटके, रात को हिल गई धरती, लोग घरों से बाहर निकले
गुजरात के गिर सोमनाथ जिले में रविवार रात 8 जून को 9:15 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिसने वहां के लोगों की नींद उड़ा दी। इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.4 दर्ज की गई, जबकि भूकंप की गहराई मात्र 5 किलोमीटर थी। तालाला और आसपास के ग्रामीण इलाकों में जोरदार झटके महसूस किए गए, जिससे लोग डर के मारे घरों से बाहर निकल गए। भूकंप का एपिक सेंटर तालाला से लगभग 19 किलोमीटर दूर था।
एबीपी अस्मिता के अनुसार, भूकंप के झटके कोडिनार तालुका के कई गांवों में भी महसूस किए गए। भूकंप के कारण कई लोग घरों से बाहर आ गए और डर के कारण आपात स्थिति बनी। हालांकि इस भूकंप से किसी प्रकार के जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ।
भूकंप की तीव्रता को लेकर वैज्ञानिक जानकारी भी सामने आई है कि रिक्टर स्केल पर 2.0 से कम तीव्रता वाले भूकंप माइनर केटेगरी में आते हैं और आमतौर पर महसूस नहीं किए जाते। रोजाना दुनिया भर में लगभग 8000 ऐसे माइनर भूकंप दर्ज होते हैं। 2.0 से 2.9 तीव्रता वाले भी माइनर ही होते हैं, जिनमें से लगभग 1000 भूकंप हर दिन होते हैं, जिन्हें इंसान महसूस नहीं कर पाता।
3.0 से 3.9 तीव्रता वाले भूकंप भी हल्के माने जाते हैं, और हर साल दुनिया भर में करीब 49 हजार बार ऐसे भूकंप आते हैं। ये कभी-कभी महसूस किए जा सकते हैं लेकिन आमतौर पर कोई नुकसान नहीं पहुंचाते। 4.0 से 4.9 तीव्रता वाले भूकंप सालाना करीब 6200 बार होते हैं, जो घर के सामान को हिला सकते हैं और मामूली नुकसान पहुंचा सकते हैं।
भूकंप के दौरान सुरक्षा के लिए कुछ जरूरी सावधानियां अपनाना अत्यंत महत्वपूर्ण है। अगर भूकंप आए तो सबसे पहले मजबूत टेबल या फर्नीचर के नीचे छुप जाना चाहिए और सिर और चेहरे को अच्छी तरह ढंकना चाहिए। घर के किसी सुरक्षित कोने में जाकर कांच, खिड़की, दरवाजे और दीवारों से दूर रहना चाहिए। लिफ्ट का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि यह फंसी रह सकती है। कमजोर सीढ़ियों का प्रयोग भी बचना चाहिए।
यदि आप बाहर हैं तो बिल्डिंग, पेड़ों, बिजली के खंभों और तारों से दूर खुले मैदान में सुरक्षित जगह पर रहना चाहिए। तेज आवाज या सीटी बजाकर दूसरों को आपात स्थिति से अवगत कराना भी जरूरी है।
यह भूकंप इस क्षेत्र के लोगों के लिए चेतावनी भी है कि वे भूकंप के लिए तैयार रहें और सुरक्षा उपायों को अपनाएं, ताकि ऐसी अप्रत्याशित प्राकृतिक आपदाओं से बचा जा सके।