ईडी ने मांगी मनीष सिसोदिया की और रिमांड, कहा- अहम मोड़ पर जांच, अभी हिरासत नहीं मिली तो सारी मेहनत बेकार
दिल्ली आबकारी नीति मामले में गिरफ्तार ‘आप’ नेता मनीष सिसोदिया की अतिरिक्त रिमांड देने का अनुरोध किया ईडी ने किया है. ईडी ने कहा कि अभी ईमेल में मिले डेटा, उनके मोबाइल फोन का फॉरेसिंक विश्लेषण किया जा रहा है.
मनीष सिसोदिया को अदालत में पेश किया
दिल्ली आबकारी नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता मनीष सिसोदिया को अदालत में पेश किया. कोर्ट में ईडी ने ‘आप’ नेता मनीष सिसोदिया की अतिरिक्त रिमांड देने का अनुरोध किया. ईडी ने कहा कि सिसोदिया ने अपना फोन नष्ट किया, उनसे एक बार फिर पूछताछ किए जाने की जरूरत है. अभी ईमेल में मिले डेटा, उनके मोबाइल फोन का फॉरेसिंक विश्लेषण किया जा रहा है. वहीं, सिसोदिया के वकील ने कहा कि सीबीआई ने एफआईआर के कुछ दिन के भीतर अगस्त 2022 में ईसीआईआर दर्ज किया, कम्प्यूटर को ज़ब्त कर उसकी जांच की, अब दूसरी एजेंसी उसी प्रक्रिया को दोहराना चाहती है. ये तर्क देते हुए सिसोदिया के वकील ने ईडी रिमांड बढ़ाने की मांग का विरोध किया.
सिसोदिया के वकील ने कहा कि क्या ईडी, सीबीआई की प्रॉक्सी एजेंसी के रूप में काम कर रही है? ईडी को बताना होगा कि प्रोसीड ऑफ क्राइम क्या हुआ? यह नहीं बताना है कि क्या अपराध हुआ. कंफ्रंट कराने के लिए हिरासत की ज़रूरत नहीं होती है, समन जारी कर कंफ्रंट कराया जा सकता है.
मनीष सिसोदिया ने खुद कोर्ट से कहा, “रोज़ाना आधा से एक घंटा ही पूछताछ होती है. बस कल ही देर तक पूछताछ हुई है.”
ईडी ने कहा, “दो लोगों को 18, 19 मार्च को बयान दर्ज करने के लिए बुलाया है. ई-मेल, मोबाइल डेटा मिला उसको कंफ्रंट करवाना है.” इस पर कोर्ट ने कहा कि ईमेल जैसा डेटा का कंफ्रंट को आप जेल में भी करवा सकते हैं.
ईडी ने कहा कि जांच अभी अहम मोड़ पर है, अगर अभी हिरासत नहीं मिली, तो सारी मेहनत बेकार हो जाएगी. पूछताछ CCTV की निगरानी में की जा रही है. 5 से 12 फीसद का पता लगाने और प्रोसीड ऑफ क्राइम का पता लगाने के लिए ही गिरफ्तारी की गई.
सिसोदिया के वकील ने कि दिनेश अरोड़ा 15 मार्च को ईडी मुख्यालय में था, लेकिन कंफ्रंट नहीं करवाया गया, अब कह रहे हैं कि दिनेश अरोड़ा से कंफ्रंट करवाना है।
मनीष सिसोदिया को ED की हिरासत में भेजा जाए या फिर न्यायिक हिरासत में भेजा जाए, इस पर अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा. कुछ देर में फैसला सुनाया जाएगा.