दिल्ली में धूमधाम से मनी दिवाली, 8 साल में सबसे बेहतर AQI
सोमवार को दिल्लीवासियों की सुबह खिली धूप के साथ शुरू हुई. इससे पहले रविवार शाम चार बजे दिल्ली और आसपास के शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 218 दर्ज किया गया.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित देशभर में रविवार को लोगों ने धूमधाम से दिवाली मनाई. घरों को मिट्टी के दीयों और रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया. पिछले वर्षों की तुलना में इस बार अपेक्षाकृत बेहतर वायु गुणवत्ता के बीच लोगों ने प्रकाश पर्व मनाया. रविवार पॉल्यूशन कम होने से लोगों को बहुत राहत मिली. जानकारी के मुताबिक दिवाली के दिन रविवार को राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता 8 साल में सबसे बेहतर दर्ज की गई.
हालांकि, पटाखे जलाने और रात में तापमान कम रहने से प्रदूषण के स्तर में वृद्धि हो सकती है. फिलहाल, सोमवार को दिल्लीवासियों की सुबह साफ आसमान और खिली धूप के साथ शुरू हुई. इससे पहले रविवार शाम चार बजे दिल्ली और आसपास के शहरों का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 218 दर्ज किया गया, जो बीते कम से कम तीन सप्ताह में सबसे अच्छा रहा.
एक्यूआई 2018 से भी कम
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में पिछले साल दिवाली पर एक्यूआई 312, 2021 में 382, 2020 में 414, 2019 में 337, 2018 में 281, 2017 में 319 और 2016 में 431 दर्ज किया गया था. शनिवार को 24 घंटे का औसत एक्यूआई 220 था, जो पिछले आठ वर्षों में दिवाली से एक दिन पहले सबसे कम रहा था. एक्यूआई शून्य से 50 के बीच ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 450 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है. एक्यूआई के 450 से ऊपर हो जाने पर इसे ‘अति गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है.
रावण को हराने के बाद अयोध्यान लौटे थे राम
बता दें कि दिवाली सबसे लोकप्रिय हिंदू त्योहारों में से एक है. माना जाता है कि इसी दिन भगवान राम अपने 14 साल के वनवास के दौरान रावण को हराने के बाद अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटे थे और इसे बुराई पर अच्छाई की जीत के उत्सव के रूप में देखा जाता है. दिवाली के मौके पर लोगों ने नये कपड़े पहनकर मिठाइयों और उपहारों का आदान-प्रदान किया. मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गई. देश भर में दिवाली के दौरान बड़े पैमाने पर किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है.