55 विधानसभा सीटों पर आप और भाजपा में सीधी टक्कर
13 सीट पर कांग्रेस तो 2 पर ओवैसी भी मजबूती से
– अश्वनी भारद्वाज –
नई दिल्ली
आज से ठीक दस दिन बाद राजधानी दिल्ली की सत्तर सीटों के लिए मतदान होगा | चुनाव अपने चरम पर पहुंच चुका है भारतीय जनता पार्टी हर सूरत में अपने 26 साल के वनवास को खत्म करने के लिए साम दाम दंड भेद नीति अपनाए हुए है तो आम आदमी पार्टी भी कुर्सी बचाए रखने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रही है वहीं कांग्रेस भी अपना मत प्रतिशत बढ़ाने तथा इस बार कम से कम सम्मानजनक स्कोर हांसिल करने के लिए तमाम दावं आजमा रही है | जहां तक प्रत्याशी चयन का सवाल है लगभग तीनों पार्टियों की दो-दर्जन सीटों पर आपसी गतिरोध बरकरार है | समझ गए ना आप तीनों पार्टियों में करीब इतने ही प्रत्याशी असंतोष झेल रहे है और इस असंतोष के चलते चुनाव परिणाम प्रभावित होंगे इस सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता | कांग्रेस के पास खोने के लिए कुछ खास नहीं है और उसका इतना ही प्रयास रहने वाला दिख रहा है कि पिछले कई चुनावों में जो जमीन खिसकी है उसमें कुछ सम्मानजनक सुधार हो जाए | और उसी का नतीजा है पिछले दो चुनाव में जो कांग्रेस खाली हाथ रही थी इस बार उसे कम से कम खाता खुलने की उम्मीद तो है ही | कांग्रेस वैसे तो सभी सीटों पर चुनाव लड़ रही है लेकिन सही मायने में पार्टी करीब 15 सीटों को अपने अनूकुल मानते हुए मेहनत करती दिख रही है | पार्टी नेत्रत्व भी इन सीटों को गंभीर मान अपनी रणनीति बना चुका है, इन सभी सीटों पर मुकाबला ट्रेंगल बना हुआ है | इनमें ज्यादातर अल्पसंख्यक तथा दलित बाहुल्य सीटें शामिल हैं | जबकि ओवेसी की पार्टी भी दो सीटों मुस्तफाबाद तथा ओखला में सीधे मुकाबले में है वहां अप्रत्याशित परिणाम भी आ सकते हैं | अब तो आप समझ ही गए होंगे कांग्रेस कम से कम आम आदमी पार्टी की 15 से 20 सीटों पर कैंची चलाने वाली पोजीशन में आ चुकी है और कोई बड़ी बात नहीं अपना खाता भी इस चुनाव में खोल ले | यह माना जा रहा है भाजपा जहां अपने दम पर करीब 15 सीटें जीतने जा रही है वहीं करीब इतनी ही सीटें कांग्रेस की कैंची की बदोलत अपनी झोली में डाल सकती है | हो गया ना मामला रोमांचक | कैंची वाली सीटें कौनसी है इस पर चर्चा बाद में करेंगे लेकिन इतना जरुर बता देतें है आप पार्टी की टॉप तीन सीटें अरविन्द, आतिशी और मनीष भी ट्रेंगल फाइट में फंसे है और इन तीनों सीटों पर भी परिणाम अप्रत्याशित रहने की सम्भावना से इनकार नहीं किया जा सकता | आज बस इतना ही …