पार्षद तरस रहे हैं फंड को बढ़ा रहे हैं विधायकों का : मुकेश बंसल
* चूना तक नहीं है हमारे पास
– शिवा कौशिक –
नई दिल्ली ,दिल्ली में विधायक फंड में बड़ी बढ़ोतरी का ऐलान किया गया है। विधायक फंड प्रति विधायक 15 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष किया गया। अभी विधायक फंड सालाना 10 करोड़ रुपए प्रति विधायक है। दिल्ली का विधायक फंड पूरे देश में सबसे ज्यादा है। सीएम आतिशी ने ये ऐलान किया। आतिशी ने कहा कि ये विधायक निधि देश के बाकी राज्यों से कई गुना ज्यादा है। दिल्ली सरकार के इसी फैसले पर बात करते हुए कर्दमपुरी वार्ड के निगम पार्षद मुकेश बंसल ने कहा कि पहले विधायकों का सालाना फंड था 10 करोड़ रुपए और अब विधायकों का सालाना फंड हो गया है 15 करोड़ रुपए, हमारा फंड था पहले 25 लाख रुपए जिसे कर दिया गया 15 लाख रुपए।
मुकेश बंसल ने कहा कि हम क्या फंड कूड़े में डालते है? दिल्ली का मुख्य काम नगर निगम और निगम पार्षदों के जिम्मे होता है चाहे वह कूड़ा उठवाने का काम हो, मरम्मत का कार्य करवाना हो, नालियों का जाल लगवाना हो आदि। मुकेश बंसल ने कहा कि आज निगम पार्षदों की यह हालत है कि हमारे पास चूना तक नहीं है, मैंने रामलीलाओं में खुद खरीद कर चूना लगवाया है।
मुकेश बंसल ने कहा कि हमें ऐसा कोई भी सामान उपलब्ध नहीं हो रहा जिससे हमें लगे कि हम निगम पार्षद हैं। मुकेश बंसल ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने विधायकों का सालाना फंड 10 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 15 करोड़ रुपए इसलिए कर दिया है क्योंकि ज्यादातर विधायक आम आदमी पार्टी के है और जिससे इनकी जेबें भरे। मुकेश बंसल ने आगे कहा कि एक निगम पार्षद का 15 लाख रुपए के फंड से क्या होगा? जबकि क्षेत्र के ज्यादातर कार्यों को करने की जिम्मेदारी निगम पार्षद की होती है चाहे वे लाइट लगवाना हो या पार्कों का रखरखाव करवाना हो।
मुकेश बंसल ने आगे कहा की आतिशी ने कहा है कि यह विधायक निधि देश के बाकी राज्यों के मुकाबले सबसे ज्यादा है तो हम भी तो यही कह रहे हैं कि दिल्ली में विधायकों को सबसे ज्यादा फंड देने की क्या जरूरत है? आप फंड निगम पार्षद को दीजिए क्योंकि अधिकतर काम करने की जिम्मेदारी निगम पार्षद की होती है लेकिन कोई हमारी सुनने वाला नहीं है, कोई हमारी इस समस्या को दूर करने वाला नहीं है। मुकेश बंसल ने आगे कहा कि अपने कार्यकाल में तो आम आदमी पार्टी घोटाले करने में व्यस्त रही, अपने मंत्रियों की जेबों को भरने में व्यस्त रही और अब जब दिल्ली में विधानसभा चुनाव आने वाले हैं तब आम आदमी पार्टी हड़बड़ाहट में ऐसे फैसले ले रही है
जिनका कोई आधार नहीं है।