Congress Protest: सोनिया-राहुल गांधी के खिलाफ चार्जशीट, देशभर में ED दफ्तरों के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन
नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा चार्जशीट दाखिल किए जाने के बाद देशभर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं का गुस्सा फूट पड़ा है। इसके विरोध में कांग्रेस ने आज व्यापक स्तर पर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया। दिल्ली से लेकर देश के विभिन्न राज्यों तक पार्टी कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे और ईडी कार्यालयों के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया।
राजधानी दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय से ही विरोध की शुरुआत हुई, जहां सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा। हाथों में तख्तियां और बैनर लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मोदी सरकार पर राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से कार्रवाई करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि नेशनल हेराल्ड केस को बार-बार उठाकर सरकार विपक्ष की आवाज़ दबाना चाहती है।
कांग्रेस का कहना है कि यह कार्रवाई कानून के दायरे में नहीं बल्कि सत्ता के इशारों पर की गई है। पार्टी का यह भी आरोप है कि प्रवर्तन निदेशालय जैसी संस्थाओं का इस्तेमाल अब सरकार की आलोचना करने वालों को डराने और बदनाम करने के लिए किया जा रहा है। विरोध प्रदर्शनों के दौरान नेताओं ने कहा कि जब सरकार जवाबदेही से बचती है, तब वह ध्यान भटकाने के लिए इसी तरह की कार्रवाइयों का सहारा लेती है।
कांग्रेस ने अपने सभी राज्यों के संगठनात्मक ढांचे को सक्रिय करते हुए यह निर्देश जारी किए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में ईडी और केंद्र सरकार के दफ्तरों के बाहर शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करें। इसी क्रम में आज देश के विभिन्न हिस्सों में जिला और राज्य मुख्यालयों पर कांग्रेस कार्यकर्ता बड़ी संख्या में इकट्ठा हुए और “लोकतंत्र बचाओ”, “सत्ता के दुरुपयोग के खिलाफ आवाज़ उठाओ” जैसे नारे लगाए।
पार्टी प्रवक्ताओं का कहना है कि नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़ा यह मामला वर्षों पुराना है और इसमें कई बार जांच हो चुकी है। इसके बावजूद बार-बार इसे उछालना एक सोची-समझी राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है। कांग्रेस नेताओं ने स्पष्ट किया कि यह लड़ाई अब सिर्फ पार्टी की नहीं, बल्कि लोकतंत्र और संविधान की रक्षा की लड़ाई है।
इस विरोध प्रदर्शन के ज़रिए कांग्रेस ने एक बार फिर यह संदेश देने की कोशिश की है कि वह किसी भी हाल में पीछे हटने वाली नहीं है। पार्टी ने यह भी एलान किया है कि यदि सरकार अपनी “दमनकारी नीति” पर कायम रही तो आने वाले दिनों में आंदोलन को और व्यापक रूप दिया जाएगा।
देशभर में फैले इस विरोध की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहे हैं, जहां कांग्रेस समर्थक इसे लोकतंत्र के लिए “जागरूकता की जंग” बता रहे हैं। वहीं, सरकार समर्थक इसे एक “राजनीतिक नौटंकी” कह रहे हैं।
हालात चाहे जैसे भी हों, इतना तय है कि नेशनल हेराल्ड केस को लेकर सियासत फिलहाल थमने वाली नहीं है, और कांग्रेस के इस राष्ट्रव्यापी विरोध ने विपक्षी एकजुटता की संभावनाओं को फिर से हवा दे दी है।