स्पेशल डिसऑर्डर वाले बच्चों का Delhi AIIMS में अब अलग से होगा इलाज, मरीजों को इन सुविधाओं का मिलेगा लाभ
एम्स के निदेशक डॉ. एम श्रीनिवास ने कहा कि नवनिर्मित केंद्र के जरिए मरीजों के परिजनों की सहायता के लिए पारिवारिक परामर्श और प्रशिक्षण की सुविधा मुहैया कराई जाएगी.
दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में गुरुवार को बचपन विकास और तंत्रिका पुनर्विकास केंद्र का उद्घाटन किया. इस केंद्र में बच्चों के ग्रोथ में देरी से संबंधित ऑटिज्म, सेरेब्रल पाल्सी, अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (ADHD) जैसे डिसऑर्डर का उपचार किया जा सकेगा. इस मौके पर एम्स के निदेशक डॉ. एम श्रीनिवास ने कहा कि मौजूदा देखभाल मॉडल में सुधार करने के लिए स्थापित नए केंद्र में मरीजों को प्रौद्योगिकी आधारित समाधान उपलब्ध कराए जाएंगे.
एम्स के बाल रोग विभाग के चाइल्ड न्यूरोलॉजी डिवीजन के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस एंड एडवांस्ड रिसर्च फॉर चाइल्डहुड न्यूरो डेवलपमेंट डिसऑर्डर ने हंस फाउंडेशन के सहयोग से बचपन विकास और तंत्रिका पुनर्वास केंद्र की स्थापना की है. इस केंद्र में चिकित्सा और नर्सिंग सेवाओं के साथ मरीज और उनके परिजनों की सहायता के लिए पारिवारिक परामर्श और प्रशिक्षण की सुविधा के साथ ही संपर्क कौशल में सुधार के लिए स्पीच थेरेपी की सुविधा भी मुहैया कराई जाएगी. वहीं, सुनने से संबंधित विकारों को दूर करने लिए ऑडियोलॉजी और हियरिंग सर्विस भी दी जाएंगी.
मरीजों को मिलेगी विशेष सुविधा
सेरेब्रल पाल्सी या मस्तिष्क पक्षाघात एक तरह की विकलांगता है, जिसमे बच्चों को चीजों को पकड़ने और चलने में समस्या होती है. यह रोग मस्तिष्क के किसी हिस्से में चोट लगने के कारण होता है. यह एक ऐसा विकार है जो फिजिकल मूवमेंट के कंट्रोल को क्षतिग्रस्त करता है. वहीं, ऑटिज्म या स्वलीनता से पीड़ित बच्चे हमेशा सामान्य बच्चों से अलग व्यवहार करते हैं. इन व्यवहारों में बोलते समय अटकना, हकलाना या रूक-रूक कर बोलना शामिल है. इससे पीड़ित मरीज हमेशा असामान्य व्यवहार करता नजर आता है. ऐसे ही मरीजों के उपचार के लिए बचपन विकास और तंत्रिका पुनर्वास केंद्र की स्थापना की है, जहां मरीजों को विशेष उपचार की सुविधा मिलेगी.