ISI Spy Arrest: राजस्थान में ISI जासूस गिरफ्तार: सेना की मूवमेंट और बॉर्डर की जानकारी पाकिस्तान भेजता था प्रकाश सिंह

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ISI Spy Arrest: राजस्थान में ISI जासूस गिरफ्तार: सेना की मूवमेंट और बॉर्डर की जानकारी पाकिस्तान भेजता था प्रकाश सिंह

राजस्थान पुलिस की CID इंटेलिजेंस विंग ने देश की सुरक्षा के लिए एक बड़ी सफलता हासिल की है। एजेंसी ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI को गोपनीय सैन्य जानकारी भेजने के आरोप में पंजाब के रहने वाले 34 वर्षीय प्रकाश सिंह उर्फ बादल को श्रीगंगानगर से गिरफ्तार किया है। वह लंबे समय से भारतीय सेना की गतिविधियों की जासूसी कर रहा था और महत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों की फोटो व वीडियो पाकिस्तान भेजता था। पकड़े जाने के बाद उसके खिलाफ ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट 1923 के तहत केस दर्ज किया गया है।

जानकारी के अनुसार, प्रकाश सिंह मूल रूप से पंजाब के फिरोजपुर के गांव भांभा हाजी का निवासी है और श्रीगंगानगर के साधुवाली सैन्य क्षेत्र में संदिग्ध रूप से घूमते हुए पकड़ा गया। जांच के दौरान पता चला कि वह ऑपरेशन सिंदूर के समय से ही ISI के संपर्क में था और पश्चिमी सीमा—राजस्थान, पंजाब और गुजरात में सेना की मूवमेंट, बॉर्डर पर बन रहे नए पुल, सड़क, रेल लाइन और अन्य निर्माण कार्यों की जानकारी ISI तक पहुंचा रहा था। सेना की गतिविधियों का रिकॉर्ड तैयार कर उन्हें तस्वीरों और वीडियो के रूप में पाकिस्तान भेजना उसका मुख्य काम था।

CID इंटेलिजेंस के IG प्रफुल्ल कुमार ने बताया कि यह जासूस सोशल मीडिया, विशेष रूप से व्हाट्सएप के माध्यम से पाकिस्तान स्थित अपने हैंडलरों से लगातार संपर्क में था। इसके लिए वह एक बेहद खतरनाक तरीका अपनाता था—दूसरे लोगों के मोबाइल नंबरों पर OTP प्राप्त करके उनके नाम से व्हाट्सएप खाते बनाता था। इन खातों का इस्तेमाल वह ISI द्वारा संचालित जासूसी नेटवर्क चलाने के लिए करता था, जिससे डिजिटल ट्रैकिंग से बचा जा सके। इसके बदले उसे मोटी रकम भी दी जाती थी, जिसकी जानकारी अब पूछताछ के दौरान सामने आ रही है।

27 नवंबर को सेना क्षेत्र के पास उसकी संदिग्ध गतिविधि का पता लगते ही बॉर्डर इंटेलिजेंस टीम ने उसका पीछा किया और मौके पर ही उसे हिरासत में ले लिया। मोबाइल फोन की जांच में ISI संचालकों से की गई चैटिंग, लोकेशन डेटा और भेजी गई तस्वीरों के स्पष्ट सबूत मिले। इसके बाद उसे जॉइंट इंटरोगेशन सेंटर श्रीगंगानगर ले जाया गया और फिर जयपुर स्थानांतरित किया गया, जहां खुफिया एजेंसियों ने विस्तृत पूछताछ की। डिजिटल सबूतों के आधार पर उसका अपराध प्रमाणित हो गया।

1 दिसंबर को उसे आधिकारिक रूप से गिरफ्तार किया गया और जयपुर के स्पेशल पुलिस स्टेशन में ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। जांच एजेंसियां अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि उसके नेटवर्क में और कौन-कौन शामिल हैं और क्या राजस्थान व पंजाब में कोई और लोग ISI के लिए सक्रिय हैं।

इस गिरफ्तारी ने एक बार फिर सीमा सुरक्षा से जुड़े संवेदनशील बहानों की पोल खोल दी है और केंद्र व राज्य स्तर पर खुफिया निगरानी को और मजबूत करने की आवश्यकता को उजागर किया है।

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