भारतीय नौसेना को मिल सकते हैं 26 राफेल-M फाइटर जेट,पीएम मोदी के फ्रांस दौरे में लग सकती है मुहर
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पीएम मोदी के दौरे से ठीक पहले एक बैठक बुला सकते हैं, जिसमें फ्रांस के साथ होने वाले रक्षा सौदों के प्रस्ताव पर मुहर लग सकती है.
चीन और पाकिस्तान के मोर्चे पर भारत खुद को लगातार मजबूत करता जा रहा है. पिछले कुछ सालों में भारत की सैन्य ताकत काफी ज्यादा बढ़ी है. इसी बीच भारतीय नौसेना के बेड़े की ताकत भी कई गुना बढ़ने जा रही है. आईएनएस विक्रांत के लिए फ्रांस से 26 राफेल (समुद्री फाइटर जेट) विमानों का सौदा हो सकता है, जिस पर पीएम मोदी के दौरे में हस्ताक्षर हो सकते हैं. बताया जा रहा है कि इस अरबों के सौदे पर अंतिम मुहर पीएम मोदी के दौरे से ठीक पहले रक्षा अधिग्रहण परिषद की बैठक में लग सकती है.
सबमरीन को लेकर भी हो सकती है डील
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक पीएम मोदी के दौरे में तीन पनडुब्बियों के निर्माण को लेकर भी बातचीत हो सकती है. इन्हें मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत भारत में लाने की बात की जा सकती है. यानी भारत में ही इन्हें तैयार किया जा सकता है. हालांकि अब तक सरकार की तरफ से इसे लेकर कोई भी जानकारी सामने नहीं आई है. आने वाले कुछ दिनों में इस पर तस्वीर साफ हो सकती है.
चीन के मोर्चे पर मिलेगी ताकत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 से 14 जुलाई तक अपनी दो दिन की फ्रांस यात्रा पर होंगे. इस दौरान होने वाले रक्षा सौदों को लेकर दोनों ही देशों की तरफ से फिलहाल चुप्पी साधी गई है. हालांकि ये माना जा रहा है कि भारत और फ्रांस रक्षा सौदों के लिए एक रोडमैप तैयार कर सकते हैं. भारत की कोशिश रहेगी कि वो फ्रांस की कंपनियों की मदद से भारत में ही इंजन और बाकी चीजों का निर्माण करे. इसमें खासतौर पर भारतीय नौसेना के लिए कई तरह के नए टेक्नोलॉजी वाले हथियार खरीदे जा सकते हैं. चीन की तरफ से समुद्री सीमाओं पर भी भारत के लिए खतरा पैदा हो रहा है, ऐसे में फ्रांस के साथ होने वाला ये सौदा काफी अहम साबित हो सकता है.
रक्षा मंत्रालय में होगी बैठक
रिपोर्ट में बताया गया है कि पीएम मोदी के दौरे से ठीक पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की तरफ से एक बैठक बुलाई गई है. 13 जुलाई को होने वाली इस बैठक में भारतीय नौसेना के लिए 26 राफेल-एम लड़ाकू विमान खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दी जा सकती है. इसीलिए रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) की इस बैठक पर सभी की नजरें हैं.
फ्रांस के राफेल-एम लड़ाकू विमानों को समुद्र में निगरानी और लड़ाई के लिए काफी सटीक माना गया है. बताया जा रहा है कि विमान अमेरिकी फाइटर हॉर्नेट से बेहतर और सस्ते हैं. इन विमानों को एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत पर तैनात किया जा सकता है.