अलकायदा सरगना और खूंखार आतंकी अल-जवाहिरी को अमेरिकी सीक्रेट ऑपरेशन में रविवार की सुबह 6 बजकर 18 मिनट पर मार गिराया गया। जवाहिरी की मौत की खबर दो दिन बाद सार्वजनिक की गई। अल कायदा के चीफ अल जवाहिरी ने काबुल में शरण ले रखी थी। साल 2011 में ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद जवाहिरी ने इस आतंकी संगठन की कमान संभाली थी। हेलफायर मिसाइल का इस्तेमाल करते हुए अल-जवाहिरी को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में मार गिराने का दावा किया गया है। सामने आया है कि इस हमले के लिए अमेरिका ने अपनी खतरनाक ‘निंजा मिसाइल’ के नाम से पहचाने जाने वाले हेलफायर आर9एक्स हथियार का इस्तेमाल किया। यह वही हथियार है, जिससे अल-कायदा के वरिष्ठ नेता अबू अल-खैर अल-मसरी को मार दिया गया था। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने खुद इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि एक हवाई हमले के दौरान अल-कायदा चीफ अल-जवाहिरी को मार गिराया गया। टेलीविजन पर संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि इंसाफ हुआ है और आतंकी अब जिंदा नहीं बचा है। अमेरिका ने अल-जवाहिरी के खात्मे की पटकथा पहले ही तैयार कर ली थी। अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए पिछले कई हफ्तों से काबुल में बैठे अलकायदा सरगना अल-जवाहिरी पर नजर रखे हुए थी। उसकी हर गतिविधि की रिपोर्ट का व्हाइट हाउस और पेंटागन में बैठे अधिकारी अध्ययन कर रहे थे। उन्हें सिर्फ एक मौके की तलाश थी। अमेरिका ने पहले ही तय कर लिया था कि सोमवार का दिन अल-जवाहिरी के लिए आखिरी होगा। यही कारण है कि व्हाइट हाउस ने सोमवार दोपहर को घोषणा की कि जो बाइडन शाम को ‘एक सफल आतंकवाद विरोधी अभियान’ के बारे में राष्ट्र को संबोधित करेंगे, लेकिन व्हाइट हाउस ने किसी व्यक्ति का नाम नहीं लिया था। शाम होते-होते अमेरिकी राष्ट्रपति ने अल-जवाहिरी की मौत की पुष्टि कर ली।