भारतीय उद्योगपति गौतम अडाणी की अगुवाई वाले अडाणी समूह ने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इजरायल के हाइफा बंदरगाह का मंगलवार को 1.2 अरब डॉलर में अधिग्रहण कर लिया। इस सौदे के तहत अडाणी समूह तेल अवीव में कृत्रिम मेधा प्रयोगशाला भी स्थापित करेगा। अडाणी ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की मौजूदगी में हाइफा बंदरगाह के अधिग्रहण का समझौता किया और निवेश अवसरों के बारे में बात की। अमेरिकी निवेश शोध फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में गंभीर आरोप लगाए जाने के बाद अडाणी समूह के शेयरों में भारी गिरावट आई है। नेतन्याहू ने हाइफा बंदरगाह के अधिग्रहण को ‘मील का पत्थर’ बताते हुए कहा कि इससे भारत और इजरायल के बीच कई माध्यमों से संपर्क बढ़ेगा। हाइफा बंदरगाह मालवाहक जहाजों के संबंध में इजरायल में दूसरा बड़ा बंदरगाह है जबकि पर्यटक जहाजों के मामले में सबसे बड़ा बंदरगाह है।
नेतन्याहू ने कहा, ”मुझे लगता है कि यह मील का पत्थर है। लगभग 100 सालों से और प्रथम विश्व युद्ध के दौरान भारतीय सैनिकों ने हाइफा शहर को आजादी हासिल करने में मदद की थी। उसी भारत के निवेशक हाइफा बंदरगाह को आजाद करने में मदद कर रहे हैं।” नेतन्याहू ने कहा कि उन्होंने अपने ‘अच्छे दोस्त’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दोनों देशों के बीच कई माध्यमों से संपर्क बनाने के मुद्दे पर चर्चा की है। इस मौके पर अडाणी ने कहा कि उनका समूह हाइफा में रियल एस्टेट परियोजना भी विकसित करेगा। अडाणी ने कहा, ‘‘हम तेल अवीव में एक एआई प्रयोगशाला भी स्थापित करने की प्रक्रिया में हैं, जो भारत और अमेरिका में स्थित हमारी नई एआई प्रयोगशालाओं के साथ करीबी सहयोग बनाकर काम करेगी।’’अडाणी समूह ने पिछले छह साल में एल्बिट सिस्टम्स, इजरायल वेपन सिस्टम्स और इजरायल इनोवेशन अथॉरिटी जैसी कंपनियों के साथ महत्वपूर्ण साझेदारियां की हैं।