कन्हैया की उम्मीदवारी पड़ेगी गठ्बन्धन पर भारी ,सोनिया तक पहुंचा विरोध

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कन्हैया की उम्मीदवारी पड़ेगी गठ्बन्धन पर भारी ,सोनिया तक पहुंचा विरोध
कन्हैया की उम्मीदवारी पड़ेगी गठ्बन्धन पर भारी ,सोनिया तक पहुंचा विरोध

कन्हैया की उम्मीदवारी पड़ेगी गठ्बन्धन पर भारी ,सोनिया तक पहुंचा विरोध
* गली-गली गूंजेगा टुकड़े-टुकड़े गैंग का नारा
– अश्वनी भारद्वाज –

नई दिल्ली ,आप सोच रहे होंगे आज फिर से कन्हैया पर चर्चा होने जा रही है हां भाई दिल्ली कांग्रेस में आज की तारीख में कन्हैया हॉट नाम है गली मोहल्ले से लेकर ए.आई.सी.सी.तक कन्हैया की चर्चा है | ऐसा नहीं है कि कन्हैया कोई हीरो है और इसलिए उसकी चर्चा हो रही है बल्कि जहां भी उसकी चर्चा हो रही है उसके नेगेटिव में ही हो रही है | हां भाजपा में भी उसकी चर्चा जोरो पर हैं हमने दो दिन पहले ही आपको बताया था कि जबसे कन्हैया की उत्तर पूर्वी दिल्ली से कांग्रेस प्रत्याशी बनने की सम्भावना की भनक भाजपा को लगी थी भाजपा में लड्डू तक बंट गए थे और अपनी जीत के जश्न तक मना दिए गए थे |

इतना ही नहीं भाजपा तो यह चाहती है कांग्रेस यह गलती करे ताकि इसे चुनावी मुद्दा बना दिल्ली को क्लीन स्वीप किया जाए | ना केवल दिल्ली अपितु भाजपा टुकड़े-टुकड़े गैंग का नारा उछाल इसे पूरे उत्तर भारत में मुद्दा बनाने से पीछे नहीं हटेगी | उल्लेखनीय है कि 17 वीं लोकसभा चुनाव में बेगूसराय लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से चार लाख 22 हजार मतों के बड़े अंतर से कन्हैया कुमार को हराकर संसद पहुंचने वाले भाजपा के फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह केंद्र में दोबारा मंत्री बने थे और भाजपा नें उस वक्त भी यह मुद्दा बना बिहार में एकतरफा जीत दर्ज की थी |

भाजपा नें मुद्दा बनाया था ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे’ और ‘अफ़ज़ल हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल जिंदा हैं’ कन्हैया कुमार पर देश विरोधी प्रवृत्ति के आरोप लगे थे जिसके कारण उसका नाम काफ़ी विवाद में रहा। हालांकि मीडिया द्वारा दिखाये गए वीडियो को कांट छांट कर फैलाया गया जिस कारण पुलिस द्वारा न्यायालय में उचित सबूतों के अभाव में उन्हें छोड़ दिया गया । दिल्ली कांग्रेस के कई दिग्गजों नें पार्टी हाईकमान को इस खतरे से अवगत करा दिया है कई नेताओं नें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड्गे तथा सोनिया गांधी तक को बता दिया है यदि कांग्रेस ने भी यह गलती की तो पार्टी को देश भर में इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा |

सूत्रों का मानना है कन्हैया खुद लोकसभा चुनाव लड़ने के बजाये राज्यसभा से आना चाहते हैं क्योंकि उन्हें मालुम है लोकसभा चुनाव जीतना उनके बूते के बाहर है लेकिन कांग्रेस के एक बड़े नेता जिनकी अरविन्द्र सिंह लवली से नहीं बनती वे कन्हैया का नाम उछाल लवली को पटकनी देना चाहते है | कन्हैया का नाम चला उन्होंने तो अपना दावं खेल दिया अब यह मामला सोनिया के दरबार में है देखना है सोनिया क्या फरमान सुनाती है | कन्हैया का पत्ता कटता है तो एक बार फिर से कांग्रेस में टिकिटों के समीकरण बदलने की सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता | आज बस इतना ही …

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