धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र के लिए सात साल में चौथी बार होगा चुनाव, पढ़ें सीट का सियासी गणित

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धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र के लिए सात साल में चौथी बार होगा चुनाव, पढ़ें सीट का सियासी गणित

हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र में सात साल से भी कम वक्त में चौथी बार चुनाव होने जा रहा है. धर्मशाला की जनता 1 जून को दोबारा अपना विधायक चुनने के लिए वोट करेगी.

यूं तो धर्मशाला में दिनभर मुसाफिरों का आना-जाना लगा ही रहता है, लेकिन मुसाफिरों की तरह ही धर्मशाला में विधायकों का आना-जाना भी लगा हुआ है. हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा के तहत आने वाली धर्मशाला विधानसभा सीट पर सात साल से भी कम वक्त में चौथी बार चुनाव होने जा रहे हैं.

धर्मशाला की जनता ने साल 2017, साल 2019 साल और 2022 में अपना विधायक चुनकर विधानसभा भेजा और अब साल 2024 में एक जून को धर्मशाला की जनता को एक बार फिर अपना नया विधायक चुने के लिए वोट करना होगा.

धर्मशाला की जनता से छीन गया अपना मंत्री

साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी किशन कपूर और कांग्रेस के सुधीर शर्मा के बीच रहा. सुधीर शर्मा यह चुनाव किशन कपूर से चुनाव हार गए. इस वक्त तक सुधीर शर्मा तत्कालीन वीरभद्र सरकार में शहरी विकास मंत्री भी थे.

साल 2019 में लोकसभा के चुनाव आए और भारतीय जनता पार्टी ने किशन कपूर को लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला लिया. इसके बाद किशन कपूर ने सांसद का चुनाव लड़कर जीत हासिल की और वह दिल्ली पहुंच गए. जिस वक्त किशन कपूर ने चुनाव लड़ा, तब वे तत्कालीन जयराम सरकार में नागरिक एवं खाद्य आपूर्ति विभाग का जिम्मा संभाल रहे थे.

उपचुनाव में हुई बीजेपी के विशाल नेहरिया की जीत

किशन कपूर के सांसद का चुनाव जीतने के बाद उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दिया. इसके बाद धर्मशाला की सीट खाली हो गई. साल 2019 में धर्मशाला में उपचुनाव हुए और भारतीय जनता पार्टी ने युवा नेता विशाल नेहरिया को चुनावी मैदान में उतारा.

स्वास्थ्य कारणों के चलते सुधीर शर्मा उपचुनाव नहीं लड़ सके. ऐसे में उनकी जगह पार्टी ने विजय इंद्र कर्ण को अपना प्रत्याशी बनाया, लेकिन इस उपचुनाव में विजय कर्ण की बुरी हार हुई और विशाल नेहरिया चुनाव जीत गए.

साल 2019 के धर्मशाला उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार विजय इंद्र कर्ण की जमानत जब्त हो गई थी. कांग्रेस उम्मीदवार को कुल पड़े 52 हजार 939 वोट का छठा हिस्सा भी नहीं मिल पाया था. भाजपा ने धर्मशाला उपचुनाव में 6 हजार 758 वोट से जीत दर्ज कर ली थी.

उपचुनाव में हुई बीजेपी के विशाल नेहरिया की जीत

किशन कपूर के सांसद का चुनाव जीतने के बाद उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दिया. इसके बाद धर्मशाला की सीट खाली हो गई. साल 2019 में धर्मशाला में उपचुनाव हुए और भारतीय जनता पार्टी ने युवा नेता विशाल नेहरिया को चुनावी मैदान में उतारा.

स्वास्थ्य कारणों के चलते सुधीर शर्मा उपचुनाव नहीं लड़ सके. ऐसे में उनकी जगह पार्टी ने विजय इंद्र कर्ण को अपना प्रत्याशी बनाया, लेकिन इस उपचुनाव में विजय कर्ण की बुरी हार हुई और विशाल नेहरिया चुनाव जीत गए.

साल 2019 के धर्मशाला उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार विजय इंद्र कर्ण की जमानत जब्त हो गई थी. कांग्रेस उम्मीदवार को कुल पड़े 52 हजार 939 वोट का छठा हिस्सा भी नहीं मिल पाया था. भाजपा ने धर्मशाला उपचुनाव में 6 हजार 758 वोट से जीत दर्ज कर ली थी.

सुधीर शर्मा की सदस्यता रद्द होने के बाद दोबारा चुनाव

साल 2022 के विधानसभा चुनाव में मुख्य मुकाबला कांग्रेस के सुधीर शर्मा भाजपा के राकेश चौधरी के बीच रहा. यहां इन चुनाव में सुधीर शर्मा की जीत हुई, लेकिन फिर सुधीर शर्मा ने भी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की कार्यप्रणाली से नाराज होकर राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग की.

इसके बाद कांग्रेस विधायक दल के लिए जारी व्हिप का उल्लंघन करने की वजह से सुधीर शर्मा की सदस्यता रद्द हो गई और अब धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र में दोबारा उपचुनाव होने जा रहे हैं.

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