दिल्ली के अस्पतालों को राहत! 31 दिसंबर तक इस्तेमाल हो सकेंगे डीजल वाले जेनेरेटर

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दिल्ली के अस्पतालों को राहत! 31 दिसंबर तक इस्तेमाल हो सकेंगे डीजल वाले जेनेरेटर

दिल्ली-एनसीआर में ठंड के मौसम में वायु प्रदूषण की आशंकाओं को देखते हुए ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान लागू किया जाएगा जिसके तहत विशेष प्रकार के प्रतिबंध लगाए जाएंगे.

दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) के अस्पतालों में डीजल वाले जनरेटर (Diese Run Generator) के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी गई है. पर्यावरण मंत्रालय (Environment Ministry) ने शुक्रवार को घोषणा की कि 1 अक्टूबर से 31 दिसंबर तक दिल्ली के अस्पतालों में हर तरह की क्षमता के जनरेटर उपयोग में लाए जा सकेंगे. प्रदूषण नियंत्रण (Pollution Control) करने की दिशा में ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) को लागू किए जाने से पहले यह घोषणा की गई है.

कमिशन फॉर एयर क्वॉलिटी मैनेजमेंट ने यह फैसला किया है जिसने 15 मई से एनसीआर में औद्योगिक इकाईयों और वाणिज्यिक क्षेत्रों में डीजल जनरेटर के इस्तेमाल पर रोक लगा दिया है. दरअसल, डीजल के जनरेटर को पूरी तरह बैन करने के फैसले का रेसिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन विरोध कर रहा है.

आपात सेवाओं को दिया जा रहा समय

उधर, पर्यावरण मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, ”लागू करने के तरीके को सरल बनाया गया है, व्यवहारिक समस्याओं को ध्यान में रखते हुए और विभिन्न हितधारकों की चिताओं को देखते हुए नया नियम 1 अक्टूबर से पूरे एनसीआर में लागू होगा.” आपातकालीन सेवाओं में किसी तरह की बाधा न हो और विकिरण को नियंत्रण करने वाली पद्धति को अपनाने में पर्याप्त समय मिल पाए, इसके लिए एनसीरआर में आपातकालीन सेवाओं में डीजल जनरेटर के इस्तेमाल को मंजूरी दी जा रही है. बता दें कि मंत्रालय की ओऱ से दी जा रही यह छूट केवल एक बार के लिए होगी.

1 जनवरी 2024 से पहले आपात सेवाओं को करने होंगे ये उपाय 

बता दें कि लिफ्ट, एस्कलेटर, ट्रैवलेटर, मेडिकल सर्विस, रेलवे सर्विस, मेट्रो, एयरपोर्ट, आईएसबीटी, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, वाटर पम्पिंग स्टेशन और राष्ट्रीय सुरक्षा, रक्षा और राष्ट्रीय हित की परियोजनाओं तक ही यह छूट दी जा रही है. मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि जिन आपात सेवाओं के लिए जनरेटर लगाए गए हैं, उन्हें यह कहा जा रहा है कि वे 1 जनवरी 2024 से पहले विकिरण नियंत्रण से संबंधित उचित साधन को अपना लें.

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