Chakda Express: गेंद की सीम पर उंगलियां जमाए अनुष्का ने शुरू की अपने फिल्म की शूटिंग

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Chakda Express: गेंद की सीम पर उंगलियां जमाए अनुष्का ने शुरू की अपने फिल्म की शूटिंग
Chakda Express: गेंद की सीम पर उंगलियां जमाए अनुष्का ने शुरू की अपने फिल्म की शूटिंग

Chakda Express: गेंद की सीम पर उंगलियां जमाए अनुष्का ने शुरू की अपने फिल्म की शूटिंग

पश्चिम बंगाल के चाकदह कस्बे में जन्मी झूलन गोस्वामी को मैदान पर क्रिकेट खेलते देख बहुतों ने टोका। ‘बेटा पढ़ाई लिखाई क्यों नहीं करते?’ ‘लड़की होकर क्रिकेट?’ और भी ना जाने कितने सवाल और कितनी टोकाटोकी। लेकिन झूलन झुकी नहीं। वनडे क्रिकेट में 200 विकेट ले चुकीं झूलन की गिनती दुनिया की सबसे तेज महिला गेंदबाजों में होती हैं। डायना इदुलजी के बाद वह दूसरी महिला क्रिकेटर हैं जिन्हें भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया। अर्जुन पुरस्कार भी जीत चुकीं झूलन भारतीय क्रिकेट टीम की कप्तान रहीं और आईसीसी की वर्ल्ड रैंकिंग में नंबर वन गेंदबाज भी।

और भी बहुत कुछ है झूलन की शानदार कामयाबी की दिलचस्प कहानी में, और इस कहानी पर बन रही फिल्म की शूटिंग अनुष्का शर्मा ने शुरू कर दी हैं। साल 2018 में रिलीज हुई फिल्म ‘जीरो’ के बाद अब जाकर अनुष्का ने किसी फिल्म की शूटिंग शुरू की है। किसी काबिल तेज गेंदबाज की तरह क्रिकेट गेंद की सीम पर दोनों तरफ उंगलियां जमाए अनुष्का का एक हाथ हवा में है और आंखें शायद मिडिल स्टंप पर। सीधे नेटफ्लिक्स की ओटीटी फिल्म के तौर पर बन रही झूलन की बायोपिक की शूटिंग आईपीएल का फाइनल मैच खत्म होने के अगले दिन से ही शुरू हो गई है।

फिल्म की शूटिंग लोकेशन से सामने आई इस पहली तस्वीर ने ये भी साफ कर दिया कि झूलन की कहानी कहने के लिए अनुष्का ने क्रिकेट की ट्रेनिंग के लिए पसीना खूब बहाया। पति विराट कोहली अब आईपीएल से फारिग होकर घर संभालेंगे और अनुष्का पूरी करेंगी अपनी इस बहुप्रतीक्षित फिल्म की शूटिंग।

अपनी इस नई फिल्म के बारे में अनुष्का शर्मा कहती हैं, ‘ये एक बहुत ही खास फिल्म है और वह इसलिए क्योंकि ये बहुत सारे बलिदानों की कहानी है। फिल्म ‘चकदा एक्सप्रेस’ भारतीय क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान झूलन गोस्वामी के समय और जीवन से प्रेरित है और और ये कहानी महिला क्रिकेट की दुनिया को लेकर दुनिया की आंखें खोल देगी। जब झूलन ने क्रिकेट खेलने और इसके जरिये अपने देश का नाम रोशन करने का फैसला किया था, उस समय महिलाओं का क्रिकेट खेलने के बारे में सोचना तक मुश्किल था। महिला क्रिकेट की शक्ल और झूलन का जीवन बदल देने वाले तमाम किस्सों का ये एक नाटकीय रूपातंरण है।’

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