डोपिंग में फंसने पर भी रूसी एथलीट मुकाबले में हिस्सा लेगी
रूस की कामिला वालिएवा को वीमेंस फीगर स्केटिंग मुकाबले में हिस्सा लेने की मंजूरी मिल गई है, हालांकि प्री गेम ड्रग टेस्ट में वो फेल हो गईं थी. कामिला वालिएवा इस मुकाबले में में स्वर्ण पदक की प्रबल दावेदार मानी जा रही हैं.बीजिंग में विंटर ओलिंपिक के इस मुकाबले का नतीजा चाहे जो हो लेकिन वालिएवा अगर पहले तीन स्थानों में रहीं तो मुकाबले के तुरंत बाद मेडल सेरेमनी भी नहीं होगी.
12 घंटे से भी कम समय में वालिएवा को मुकाबले में उतरने की मंजूरी दे दी
कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट यानी सीएएस ने सोमवार सुबह जल्दबाजी में की गई सुनवाई के बाद 12 घंटे से भी कम समय में वालिएवा को मुकाबले में उतरने की मंजूरी दे दी. जजों के पैनल ने कहा कि 15 साल की वालिएवा अपने पसंदीदा मुकाबले में उतर सकते हैं और पूरी जांच के नतीजे आने से पहले उन्हें निलंबित करने की कोई जरूरत नहीं है. कोर्ट ने यह दयापूर्ण फैसला उनकी उम्र को देखते हुए किया है. बालिग नहीं होने के कारण वो ओलिंपिंक की भाषा में “संरक्षित व्यक्ति” हैं, अगर वालिएवा बालिग होतीं तो उनके लिए भी वही नियम होते जो दूसरे खिलाड़ियों के लिए हैं.
डॉक्टर और न्यूट्रिशनिस्ट पर ध्यान रहे
सीएएस के महानिदेशक माथियू रीब का कहना है, “पैनल ने विचार किया है कि एथलीट को मुकाबले में हिस्सा लेने से रोकना इस परिस्थिति में उनके लिए ऐसा नुकसान होगा जिसकी भरपाई नहीं की जा सकेगी” एक एथलीट का भयावह अनुभव बालिग नहीं होने का फायदा वालियेवा जैसे 16 साल से कम उम्र के एथलीटों के लिए डोपिंग के नियमों के तहत ज्यादा अधिकार हैं और उन्हें प्रतिबंधित दवाएं लेने के लिए जिम्मेदार नहीं माना जाता. इस मामले में होने वाली जांच में उनके कोच, डॉक्टर और न्यूट्रिशनिस्ट पर ध्यान रहेगा. फैसले में सिर्फ इस बात की मंजूरी दी गई है कि वो मामला हल होने तक स्केटिंग करती रह सकती हैं.