तीन साल में यमुना की सफाई पर साढे पांच हजार करोड़ खर्च होने के बाद भी नहीं हुई यमुना साफ़ : विपिन शर्मा

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विपिन शर्मा
तीन साल में यमुना की सफाई पर साढे पांच हजार करोड़ खर्च होने के बाद भी नहीं हुई यमुना साफ़ : विपिन शर्मा

तीन साल में यमुना की सफाई पर साढे पांच हजार करोड़ खर्च होने के बाद भी नहीं हुई यमुना साफ़ : विपिन शर्मा

नई दिल्ली ( सी.पी.एन.न्यूज़ ) : यमुना की सफाई को ले ट्रिपल इंजन सरकार लगातर फेल हो रही है ,आम आदमी पार्टी की सरकार भी कुछ नहीं कर पाई यह कहना है रोहताश नगर के पूर्व विधायक विपिन शर्मा का | विपिन शर्मा कहते हैं पिछले तीन साल में यमुना की सफाई के नाम पर तकरीबन साढे पांच हजार करोड़ रूपये खर्च किये गए लेकिन यमुना की हालत जस की तस बनी रही |

जहां तक दिल्ली सरकार का सवाल है पिछली सरकार के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल हर साल दावा करते रहे अगले साल साफ़ यमुना में जनता के साथ डुबकी लगायेगें लेकिन हर साल उनका दावा झूठा ही साबित हुआ | अरविन्द केजरीवाल और उनकी पार्टी चुनाव हार गई लेकिन यमुना साफ़ नहीं हो सकी | और इसी तरह भारतीय जनता पार्टी नें विधानसभा चुनावों में वायदा किया था यदि हमारी सरकार बनेगी तो यमुना की सफाई को ले विशेष कार्ययोजना बनाई जायेगी भाजपा की सरकार भी बने दस माह हो चुके हैं लेकिन यमुना की हालत में कोई सुधार नहीं हो पाई |

विपिन शर्मा कहते हैं केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय ने संसद में दिल्ली में यमुना के पॉल्यूशन के बड़े कारणों की जानकारी दी है। केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय ने राज्यसभा में बताया कि यमुना में बढ़ते पॉल्यूशन की बड़ी वजह सीवेज, ट्रीटमेंट प्लांट्स के प्रोजेक्ट्स में देरी और कचरे की रीसाइक्लिंग कैपिसिटी की कमी है। मंत्रालय के मुताबिक दिल्ली जल बोर्ड ने पिछले तीन साल में यमुना की सफाई पर 5,536 करोड़ रुपये खर्च किए हैं लेकिन हालात में बड़ा सुधार नहीं आया है। जल शक्ति राज्य मंत्री राज भूषण चौधरी ने लिखित जवाब में बताया कि अगस्त 2025 तक दिल्ली में 414 एमएलडी सीवेज का ट्रीटमेंट नहीं हो पा रहा था। खुद सरकार के मंत्री नें बताया कई मंजूर औद्योगिक इलाकों में साझा ईटीपी नहीं हैं और सीवेज को ट्रीट करने की परियोजनाओं को पूरा करने और अपग्रेड करने में लगातार देरी हो रही है।

मंत्री ने बताया कि दिल्ली में रोज 11 हजार 862 टन ठोस कचरा पैदा होता है, जबकि रीसाइक्लिंग कैपिसिटी सिर्फ हर रोज 7 हजार 641 टन ही है। इससे 4 हजार 221 टन कचरा रीसाइकल नहीं हो पाता और यमुना में मिलकर पॉल्यूशन को बढ़ाता है। विपिन शर्मा कहते हैं अरविन्द केजरीवाल सरकार के पास तो यह बहाना रहता था कि केंद्र सरकार उन्हें सहयोग नहीं कर रही लेकिन अब तो राजधानी दिल्ली में ट्रिपल इंजन की सरकार है यानी सारा का सारा सिस्टम एक ही खिड़की के पास है लिहाजा अब तो यमुना की सफाई में तेजी लाने में कोई दिक्कत नहीं आनी चाहिए |

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