Uttarkashi disaster: उत्तरकाशी आपदा: हर्षिल में फंसे 35 लोग वायुसेना ने किए एयरलिफ्ट, BRO तीन दिन में बहाल करेगा संपर्क मार्ग

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Uttarkashi disaster: उत्तरकाशी आपदा: हर्षिल में फंसे 35 लोग वायुसेना ने किए एयरलिफ्ट, BRO तीन दिन में बहाल करेगा संपर्क मार्ग

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में हाल ही में आई प्राकृतिक आपदा के बाद भारतीय वायुसेना ने एक महत्वपूर्ण रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दिया है। हर्षिल क्षेत्र में भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं के कारण फंसे 35 लोगों को चिनूक हेलीकॉप्टर के जरिए सुरक्षित रूप से जॉली ग्रांट एयरपोर्ट तक पहुंचाया गया। राहत व बचाव अभियान का संचालन बेहद संवेदनशील और चुनौतीपूर्ण हालात में किया गया।

प्रभावित लोगों में पर्यटक और स्थानीय नागरिक शामिल हैं जिन्हें अचानक आई आपदा के कारण कई दिनों तक दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में फंसे रहना पड़ा। भारतीय वायुसेना के चिनूक जैसे अत्याधुनिक हेलीकॉप्टरों की मदद से इन लोगों को सुरक्षित निकाला गया। इन सभी को प्राथमिक उपचार और आवश्यक राहत सामग्री मुहैया कराई जा रही है।

इस बीच, सीमा सड़क संगठन (BRO) भी राहत और पुनर्निर्माण के कार्यों में पूरी तत्परता से जुटा हुआ है। BRO के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल रघु श्रीनिवासन ने बताया कि धराली से हर्षिल तक की दूरी करीब 96 किलोमीटर है और इस पूरे मार्ग में चार प्रमुख भूस्खलन प्रभावित स्थान हैं। इसके अलावा एक पुल भी आपदा में पूरी तरह से बह गया है, जिससे इस क्षेत्र का संपर्क पूरी तरह से टूट गया।

लेफ्टिनेंट जनरल श्रीनिवासन ने बताया कि बीते दो दिनों से BRO की टीमें लगातार प्रभावित क्षेत्रों में मौजूद हैं और सड़क मार्ग को बहाल करने का कार्य युद्धस्तर पर जारी है। मशीनरी और कर्मचारी दोनों दिन-रात सक्रिय हैं ताकि यातायात को जल्द से जल्द सामान्य किया जा सके। उन्होंने कहा, “हमें उम्मीद है कि कुछ ही घंटों में आंशिक संपर्क बहाल हो जाएगा और जैसे ही यह होता है, पुल निर्माण का काम शुरू कर दिया जाएगा।”

BRO के अनुसार, अगले तीन दिनों के भीतर हर्षिल तक संपर्क मार्ग पूरी तरह से बहाल करने की योजना है। धराली और हर्षिल को जोड़ने वाली सड़क इस समय पानी में डूबी हुई है, जिसके चलते यातायात असंभव हो गया है। BRO दो विकल्पों पर काम कर रहा है – या तो पुरानी सड़क को बहाल किया जाए या फिर एक नई सड़क बनाई जाए। दोनों ही विकल्पों पर तेजी से काम जारी है।

गौरतलब है कि उत्तरकाशी जैसे पहाड़ी क्षेत्रों में मानसून के दौरान अक्सर भूस्खलन, बाढ़ और बादल फटने की घटनाएं होती रहती हैं, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है। इस बार भी भारी बारिश ने कई इलाकों को प्रभावित किया है, लेकिन प्रशासन और सेनाओं के संयुक्त प्रयासों से राहत कार्यों में तेजी लाई गई है।

रेस्क्यू किए गए लोगों की ओर से भारतीय वायुसेना और BRO का आभार व्यक्त किया गया है। स्थानीय प्रशासन भी आपदा प्रबंधन में सक्रिय भूमिका निभा रहा है और प्रभावितों को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है।

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