Uttarkashi Cloudburst: : उत्तरकाशी क्लाउडबर्स्ट: धराली त्रासदी के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, अस्पतालों में बेड आरक्षित, रेस्क्यू तेज़
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में बादल फटने से हुई भीषण त्रासदी के बाद राज्य सरकार और प्रशासन युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्यों में जुट गए हैं। भारी बारिश और मलबे के कारण सैकड़ों लोग प्रभावित हुए हैं, जबकि अब तक 4 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। वहीं, 100 से अधिक लोग लापता या घायल बताए जा रहे हैं। घटनास्थल पर पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, आईटीबीपी और सेना की टीमें लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हैं। अब तक करीब 150 लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा चुका है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस भयावह घटना के बाद राज्य के स्वास्थ्य तंत्र को पूर्ण रूप से अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए हैं। सभी प्रमुख अस्पतालों में आपदा प्रभावितों के लिए बेड आरक्षित कर दिए गए हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति में घायलों को तत्काल इलाज मिल सके। देहरादून, ऋषिकेश और अन्य बड़े चिकित्सा संस्थानों में अतिरिक्त मेडिकल स्टाफ और दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देशों के बाद उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग ने तेजी से काम शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि न सिर्फ टॉप मेडिकल इंस्टिट्यूट्स को सतर्क किया गया है, बल्कि जरूरत पड़ने पर हेलीकॉप्टर के जरिए घायलों को एयरलिफ्ट करने की व्यवस्था भी तैयार रखी गई है।
एनडीआरएफ के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (DIG) मोहसिन शहीदी ने बताया कि आईटीबीपी, एसडीआरएफ और बीआरओ की टीमें मौके पर पहुंच चुकी हैं और राहत कार्यों में लगी हुई हैं। इलाके में कई राहत शिविर बनाए गए हैं, जहां सुरक्षित निकाले गए लोगों को अस्थायी ठहराव, भोजन और प्राथमिक चिकित्सा दी जा रही है।
फिलहाल धराली और आसपास के क्षेत्रों में स्थिति गंभीर बनी हुई है। पहाड़ी इलाकों में मलबा हटाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है, जबकि लापता लोगों की तलाश के लिए खोजी अभियान चलाया जा रहा है। प्रशासन का अनुमान है कि मलबे में अब भी कई लोग फंसे हो सकते हैं, जिनकी खोज के लिए आधुनिक उपकरणों और डॉग स्क्वॉड की मदद ली जा रही है।
राज्य सरकार ने स्थानीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे स्थिति पर लगातार नजर रखें और राहत कार्यों में कोई भी लापरवाही न बरती जाए। मुख्यमंत्री धामी ने कहा है कि प्रभावितों को हरसंभव सहायता दी जाएगी और राज्य सरकार उनकी हर जरूरत का ध्यान रखेगी।
इस आपदा ने एक बार फिर उत्तराखंड की जलवायु संवेदनशीलता को उजागर किया है। लगातार बदलते मौसम और उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हो रहे निर्माण कार्यों पर भी सवाल उठ रहे हैं। विशेषज्ञों ने चेताया है कि यदि इन क्षेत्रों में पर्यावरणीय संतुलन नहीं साधा गया, तो भविष्य में ऐसी आपदाएं और भी विनाशकारी रूप ले सकती हैं।
इस वक्त उत्तरकाशी के धराली क्षेत्र में राहत कार्य तेज़ी से जारी हैं, और पूरे राज्य का प्रशासन, चिकित्सा तंत्र व आपदा प्रबंधन इकाइयाँ प्रभावितों की मदद के लिए एकजुट हो चुकी हैं।



