फिल्म निर्माण को दिल्ली में बढ़ावा देने के लिए कदम उठा रही है ट्रिपल इंजन सरकार : विनोद जायस
* सरकार नें उठाये कई कदम
नई दिल्ली ( सी.पी.एन.न्यूज़ ) : ट्रिपल इंजन की सरकार राजधानी दिल्ली के लिए एक से एक नई योजना बना रही है और ऐसी योजना बना रही है जिनसे दिल्ली के हर वर्ग को फायदा मिलता है | यह कहना है भारतीय जनता पार्टी उत्तर पूर्वी जिले के उपाध्यक्ष ठाकुर विनोद जायस का | विनोद जायस कहते हैं अपने सात माह के कार्यकाल में ही रेखा गुप्ता सरकार दिल्ली के कल्याण के लिए सौ से ज्यादा योजनाएं बना चुकी है |
विनोद जायस कहते है ट्रिपल इंजन की सरकार की नई योजना दिल्ली में ही फिल्म सिटी बनाने की है जिसके तहत सरकार योजना को अंतिम रूप देने में लगी है | जिसके तहत फिल्म निर्माण को बढ़ावा देने के लिए शूटिंग शुल्क में भारी कटौती की जा रही है ताकि फिल्म निर्माता दिल्ली की ओर रुख करें | वैसे फिल्म निर्माता दिल्ली को ले उत्सुक भी रहे हैं लेकिन सरकार के सहयोग के बाद इसमें इजाफा होने की सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता |
इसी दिशा निर्देश के तहत दिल्ली नगर निगम नें अपनी फिल्मांकन फीस 75,हजार रुपये प्रतिदिन से घटाकर आठ घंटे के लिए 15,हजार रुपये और 24 घंटे के लिए 25,हजार रुपये प्लस जीएसटी कर दी है। हैं। दिल्ली को फिल्म निर्माण का केंद्र बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई इस नीति में एकल खिड़की ‘ई-फिल्म क्लीयरेंस’ पोर्टल की घोषणा की गई थी, जो 25 एजेंसियों को जोड़ेगा और 15 दिनों के भीतर या शुल्क लेकर उससे भी जल्दी मंजूरी का आश्वासन देगा। विनोद जायस कहते हैं ट्रिपल इंजन सरकार की इस योजना से दिल्ली में फिल्म व्यवसाय बढ़ेगा जिसके चलते दिल्ली के व्यापर में भी बढ़ोतरी होगी और युवओंके लिए रोजगार के नये अवसर भी बनेगें |
कनॉट प्लेस और चांदनी चौक अभी भी सबसे ज्यादा मांग वाले क्षेत्र हैं हैं, वहीं भारत मंडपम, बांसड़ा पार्क, असिता बायो-डायवर्सिटी पार्क और महरौली पुरातत्व पार्क के कुछ हिस्सों जैसी नई जगहों में सिनेमा लैंडमार्क के रूप में उभरने की क्षमता है। इतना ही नहीं एक लाख रुपये का वार्षिक दिल्ली फिल्म कार्ड भी दिया जा रहा है, जिससे प्रोडक्शन हाउस को होटल, यात्रा और लॉजिस्टिक्स पर छूट मिलती है। विनोद जायस कहते हैं सरकार नें दिल्ली फिल्म फंड की स्थापना भी की है जिसके माध्यम से दिल्ली में होने वाली शूटिंग पर प्रति फिल्म सब्सिडी दिए जाने की योजना भी है | ऐसे में प्रबल सम्भावना है फिल्म निर्माता दिल्ली की और आकर्षित हों |
विनोद जायस कहते हैं एक तरफ दिल्ली में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय जैसा प्रतिष्ठित ड्रामा और थिएटर संस्थान है, जहां से एक्टिंग सीख कर कई कलाकारों ने देश-विदेश में बहुत नाम कमाया है, लेकिन आज तक किसी ने दिल्ली में ही फिल्म इंडस्ट्री के डेवलपमेंट पर कोई गंभीर प्रयास नहीं किया है। विनोद जायस कहते हैं लोग एक्टिंग सीखें दिल्ली में और फिर उन्हें काम तलाशने के लिए जाना पड़े मुंबई! अब ट्रिपल इंजन सरकार दिल्ली में फिल्म इंडस्ट्री के डेवेलपमेंट के साथ ही ऐसी सुविधाएं उपलब्ध कराने की योजना बना रही है।



