India-Pakistan Conflict: चिदंबरम ने मोदी की रणनीति को बताया बुद्धिमत्ता की मिसाल, कहा- भारत ने टाल दिया बड़ा युद्ध

0
40

India-Pakistan Conflict: चिदंबरम ने मोदी की रणनीति को बताया बुद्धिमत्ता की मिसाल, कहा- भारत ने टाल दिया बड़ा युद्ध

कांग्रेस नेता और पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया सैन्य नीति की खुलकर तारीफ की है। उन्होंने कहा कि पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले के बाद देश में बदले की मांग तेज थी, लेकिन मोदी सरकार ने संयम और रणनीति का परिचय देते हुए सीमित सैन्य कार्रवाई का रास्ता अपनाया। चिदंबरम ने इंडियन एक्सप्रेस में लिखे अपने कॉलम में इसे एक “बुद्धिमत्तापूर्ण और संतुलित” निर्णय बताया, जिसने भारत को बड़े युद्ध में फंसने से बचाया और वैश्विक स्थिरता को प्राथमिकता दी।

चिदंबरम ने कहा कि 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद देश भर में गुस्सा था और पाकिस्तान पर सीधे युद्ध की मांग उठ रही थी। लेकिन मोदी सरकार ने 7 मई को PoK और पाकिस्तान में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाते हुए मिसाइल और ड्रोन हमले किए, जो उन्होंने “वैध और लक्ष्य केंद्रित” करार दिया। चिदंबरम ने सराहना की कि इन हमलों में नागरिक इलाकों और पाकिस्तानी सेना को निशाना नहीं बनाया गया, जिससे स्थिति पूर्ण युद्ध में नहीं बदली।

उन्होंने मोदी के 2022 में व्लादिमीर पुतिन से कहे शब्दों का भी जिक्र किया- “यह युद्ध का युग नहीं है”, और कहा कि आज भी यह संदेश दुनिया में गूंजता है। उन्होंने खुलासा किया कि कई देशों ने भारत को निजी तौर पर सलाह दी थी कि वह युद्ध से बचे, क्योंकि भारत और पाकिस्तान दोनों परमाणु शक्ति संपन्न देश हैं और इनके बीच युद्ध केवल क्षेत्रीय नहीं बल्कि वैश्विक संकट पैदा कर सकता था। चिदंबरम ने रूस-यूक्रेन और इज़राइल-गाजा संघर्ष का उदाहरण देते हुए कहा कि अब दुनिया युद्ध को बर्दाश्त नहीं कर सकती।

हालांकि उन्होंने चेताया कि यह मान लेना जल्दबाजी होगी कि आतंकी संगठन जैसे लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और द रेजिस्टेंस फ्रंट खत्म हो चुके हैं। उनके मुताबिक, इन संगठनों के पास फिर से उभरने की क्षमता है और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI का समर्थन उन्हें अब भी मिलता है। उन्होंने आगाह किया कि सीमाओं पर तनाव और रुक-रुक कर गोलीबारी आने वाले समय में बनी रह सकती है।

चिदंबरम ने सरकार के मीडिया प्रबंधन की भी तारीफ की और कहा कि सैन्य कार्रवाई की जानकारी देने के लिए महिला सैन्य अधिकारियों को सामने लाना एक “स्मार्ट मूव” था। हालांकि, उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की उस भूमिका पर सवाल उठाया जिसमें वे पीड़ित परिवारों से मिलने नहीं गए और न ही उन्होंने इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक की। चिदंबरम ने इसे मणिपुर संकट में प्रधानमंत्री की चुप्पी से जोड़ा।

पाकिस्तान की स्थिति पर चिंता जताते हुए चिदंबरम ने सवाल किया कि क्या वहां की निर्वाचित सरकार को निर्णय लेने का अधिकार है या सेना और ISI के हाथों में सारी ताकत है। उन्होंने लिखा कि भारत ने अब गेंद पाकिस्तान के पाले में डाल दी है, अब फैसला पाकिस्तान को करना है कि वह शांति चाहता है या युद्ध की राह पर आगे बढ़ना चाहता है।

चिदंबरम के अनुसार आने वाले दिन बेहद चुनौतीपूर्ण होंगे और भारत को अपनी सीमाओं पर पूरी तरह सतर्क रहना होगा, क्योंकि आतंकवाद की जड़ें अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुई हैं और क्षेत्रीय अस्थिरता बनी रह सकती है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here