
घोंडा विधानसभा में कांग्रेस हुई दो फाड़ कार्यकर्ता असमंजस में भीष्म शर्मा की माने या राज कुमार जैन की
– अश्वनी भारद्वाज –
नई दिल्ली ,उत्तर पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र के तहत घोंडा विधानसभा क्षेत्र किसी जमाने में कांग्रेस का मजबूत गढ़ हुआ करता जो अब शायद सबसे कमजोर हल्का बन चुका है और यदि यही हालात रहे तो कांग्रेस की दुर्गति और ज्यादा यहाँ देखने को मिलेगी | जी हाँ हम एकदम सही कह रहे हैं और यकीन नहीं आये तो अब जो भी चुनाव वहां होगा तब देख लेना कांग्रेस की हालत यहाँ यह हो चुकी है बड़ी मुश्किल से विधानसभा चुनाव में पांच हजार तक ही वोट यहाँ पार्टी को मिल पाई और लोकसभा चुनावों में पार्टी प्रत्याशी इस क्षेत्र से पचास हजार से भी अधिक वोटो से हारे |
अब आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कांग्रेस यहाँ पर कहाँ खड़ी है | नगर निगम के चुनाव रहे हों ,विधानसभा के या लोकसभा का यहाँ पिछले कई चुनावों से पार्टी प्रत्याशी अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए | रही सही कसर अब पूरी होने की प्रबल सम्भावना है | सन्गठन स्रजन अभियान के तहत जहां पार्टी देश भर में जोर शोर से जुटी है वहीं यहाँ सन्गठन विसर्जन जैसे हालत बन रहे हैं जो कार्यकर्ताओं के साथ-साथ आम जनता में हंसी के पात्र बने हुए है | प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ,लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी जहां पार्टी की मजबूती लिये खून पसीना बहा रहे है वहीं घोंडा में क्या हो रहा है सबके सामने है | बाबरपुर जिले की तरफ से गत दिनों आयोजित साइकिल यात्रा में इस विधानसभा से सबसे ज्यादा भागीदारी रही थी तब यह लग रहा था शायद यहाँ पार्टी के हालात पटरी पर आ रहे है लेकिन जैसे ही दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी नें ब्लॉक अध्यक्षों की लिस्ट जारी की यहाँ बवाल मच गया |
दरअसल भीष्म शर्मा का दबदबा इस विधानसभा में शुरू से रहा है बिना उनकी मर्जी के यहाँ पत्ता भी कांग्रेस में नहीं हिलता | लेकिन पिछले नगर निगम चुनावों में पार्टी नें उनकी मर्जी के खिलाफ दो प्रत्याशी उतार दिए और एक ब्लॉक अध्यक्ष भी बना दिया | लेकिन इस बार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव नें जो सूची जारी की जिसमें उन्होंने यमुना विहार से राजकुमार शर्मा,घोंडा से राकेश पारचा ,ब्रह्मपुरी से दिनेश चौधरी तथा भजनपुरा से मुख्त्यार सिंह को अध्यक्ष घोषित कर दिया | इन सभी को भीष्म की सिफारिश पर बनाया गया | वहीं भजनपुरा से पहले अध्यक्ष रहे शहजाद खान अभी भी खुद को अध्यक्ष लिख रहे है जिसे ले कार्यकर्ताओं में असमंजस है आखिर अध्यक्ष है कौन |
इस बाबत भीष्म शर्मा कहते हैं पार्टी नें जो निर्णय लिया है मेरे लिए वही मान्य है क्योंकि ये नियुक्तियां प्रदेश नेत्रत्व नें की है वहीं जिला अध्यक्ष राज कुमार जैन कहते हैं भीष्म शर्मा नें जिला अध्यक्ष कार्यालय को जो सूची दी थी उसमें भजनपुरा से तीन नाम विपिन ह्म्रोल,प्रवेश शर्मा तथा विकास चौधरी के थे फिर मुख्त्यार सिंह का नाम कहाँ से आ गया | राज कुमार जैन कहते हैं सिस्टम की अवहेलना करते हुए यह नया नाम जोड़ा गया है जबकि शहजाद एक मजबूत कार्यकर्ता है और उन्होंने अच्छा ब्लाक चलाया है | ऐसे में अँधेरे में रखकर यह निर्णय कराया गया है | हालांकि मुख्त्यार जी वरिष्ठ है इनकी पत्नी निगम पार्षद भी रही है लेकिन सिस्टम को अडॉप्ट तो करना ही चाहिए था ,सभी कार्यकर्ताओं को साथ लेकर ही चलना पड़ेगा |
मुख्त्यार सिंह नें आज दशहरे के दिन मासिक बैठक का आयोजन कर अपनी ताकत दिखाई वहीं अभी भी खुद को ब्लाक अध्यक्ष मान रहे शहजाद कहाँ नेंभी तीन अक्तूबर को मासिक बैठक का आयोजन रखा है ऐसे में कार्यकर्ता पुरी तरह से विभाजित हो चुके हैं कई तो पार्टी को अलविदा करने की तैयारी में भी बताये जा रहे हैं | आज बस इतना ही …

