Swami Chaitanyananda: स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती पर बड़ा शिकंजा: 8 करोड़ रुपये फ्रीज, अग्रिम जमानत अर्जी खारिज

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Swami Chaitanyananda: स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती पर बड़ा शिकंजा: 8 करोड़ रुपये फ्रीज, अग्रिम जमानत अर्जी खारिज

नई दिल्ली में स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती के खिलाफ एक बड़ा कदम उठाते हुए दिल्ली पुलिस ने उनकी लगभग 8 करोड़ रुपये की संपत्ति को फ्रीज कर दिया है। यह रकम 18 अलग-अलग बैंक खातों और 28 फिक्स्ड डिपॉजिट में पाई गई। पुलिस का कहना है कि ये सभी खाते आरोपी पार्थसारथी द्वारा बनाए गए ट्रस्ट से जुड़े हैं।

इसी मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने स्वामी चैतन्यानंद की अग्रिम जमानत अर्जी भी खारिज कर दी, जिससे उनकी गिरफ्तारी का रास्ता लगभग साफ हो गया है। अदालत ने साफ किया कि मामले में गहन जांच और कस्टोडियल इंटरोगेशन आवश्यक है, ताकि आरोपों की सच्चाई और पूरी साजिश का खुलासा हो सके।

स्वामी चैतन्यानंद पर श्री शारदा पीठम, श्रृंगेरी की संपत्ति से जुड़े गंभीर आरोप हैं। उन पर धोखाधड़ी, जालसाजी और करोड़ों रुपये के गबन के आरोप लगे हैं। पुलिस ने बताया कि स्वामी ने श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट-रिसर्च का प्रबंधन अपने हाथ में लेकर बिना पीठम की जानकारी के वसंत कुंज स्थित कीमती प्लॉट नंबर 7 को फर्जी ट्रस्ट के नाम कर तीसरे पक्षों को उप-लीज पर दिया और करोड़ों रुपये कमाए। अनुमान है कि करीब 40 करोड़ रुपये का दुरुपयोग हुआ है।

जांच में यह भी सामने आया कि स्वामी ने AICTE की अनुमति लिए बिना संस्थान का नाम बदल दिया। सरकारी रिकॉर्ड में फर्जीवाड़ा कर जाली दस्तावेज बनाए और टैक्स छूट पाने के लिए भी गलत कागजात दाखिल किए।

सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि स्वामी ने दो अलग-अलग नामों से पासपोर्ट और पैन कार्ड बनवाए। एक दस्तावेज पार्थसारथी के नाम से और दूसरा स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती के नाम से था। दोनों में पिता और जन्म स्थान की जानकारी अलग-अलग दी गई थी। इसके अलावा, उन्होंने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में दो अलग नामों से खाते खोले और FIR दर्ज होने के बाद यस बैंक से लगभग 50-55 लाख रुपये निकाले।

स्वामी के वकीलों ने अदालत में यह दलील दी कि मामला असल में सिविल विवाद का है और इसे आपराधिक रंग देना गलत है। उन्होंने दावा किया कि स्वामी जांच में सहयोग करेंगे और फरार नहीं होंगे।

हालांकि, अदालत ने इन दलीलों को खारिज कर दिया। जज ने कहा कि आरोपी प्रभावशाली हैं और सबूतों या गवाहों को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के एक पुराने फैसले (P. Krishna Mohan Reddy बनाम State of Andhra Pradesh) का हवाला देते हुए कहा कि इस तरह के मामलों में अग्रिम जमानत देने से जांच बाधित हो सकती है। कोर्ट ने यह भी नोट किया कि स्वामी अपने पते पर मौजूद नहीं थे और उनका मोबाइल फोन भी बंद मिला, जिससे भागने का खतरा है।

अदालत के आदेश के बाद अब पुलिस गिरफ्तारी की तैयारी कर रही है। आने वाले दिनों में स्वामी चैतन्यानंद से गहन पूछताछ होगी और उन पर लगे आरोपों की तह तक जाने का प्रयास किया जाएगा। यह मामला न सिर्फ धार्मिक और शैक्षिक संस्थानों से जुड़ी संपत्ति के दुरुपयोग का है, बल्कि इसमें फर्जी दस्तावेज, दोहरी पहचान और भारी-भरकम वित्तीय गड़बड़ियों के आरोप भी शामिल हैं।

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