सड़कों पर घूमते आवारा पशुओं तथा पार्कों की दुर्दशा का मुद्दा उठाया संजय गोयल ने
* पानी की बर्बादी पर भी रखे विचार
– रविन्द्र कुमार –
नई दिल्ली , शाहदरा विधानसभा से विधायक संजय गोयल ने दिल्ली में मौजूद 3 महत्वपूर्ण समस्याओं पर सदन में चर्चा की।जिसमें दिल्ली में पार्कों की दयनीय स्थिति,सड़कों पर घूमते मवेशी और एसपीटी प्लांट पर अपनी बात रखी। नई गौशाला निर्माण,वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का सही इस्तेमाल पर्याप्त टैंकर और पानी के सदुपयोग व पार्कों के जीर्णोद्धार के बाबत अमल किये का आग्रह सदन में किया।
पिछली सरकारों के कार्यकाल पर सवालिया निशान उठाते हुए शाहदरा से जुझारू विधायक संजय गोयल ने कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठाते हुए कहा कि दिल्ली में हजारों की तादाद में पार्क हैं जिनकी हालत जगजाहिर है जहां सिर्फ पार्क के नाम पर सिर्फ धूल मिट्टी उड़ती ही दिखती है।जिसकी असल वजह साफ तौर ओर पौधों में प्राप्त पानी का अभाव है। एक ओर दिल्ली में एनजीटी ने निर्देश दिए कि समर सीवर को सील किया जाए,चूंकि दिल्ली का भूजल स्तर निरंतर नीचे जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ निर्देश दिया कि दिल्ली जल बोर्ड, दिल्ली सरकार पार्कों में पानी की उपलब्धता कराए,लेकिन दिल्ली सरकार ने पिछले 11 वर्षों में ध्यान नहीं दिया नतीजन पार्कों की स्थिति आज सबके समक्ष है।उड़ती धूल मिट्टी से डस्ट पॉल्यूशन तो होता ही वरन् बुजुर्गों पर खासतौर से इसका स्वास्थ्य संबंधित विपरीत असर हो रहा है।वहीं सड़कों पर आवारा मवेशी के मुद्दे पर संजय गोयल ने कहा कि यह दिल्ली की एक विकट समस्या है।
देखा जाता है कि सड़कों पर आवारा घूमती गायों को उनके मालिक दूध निकाल कर सड़कों पर छोड़ देते हैं मजबूरीवश यह गऊ कूड़े को खाती है जिसमें प्लास्टिक की थैली भी खा जाती हैं। और बीमार होने पर उनके पेट से काफी मात्रा में प्लास्टिक की यह थैली निकलती हैं। गायों की जहां दयनीय स्थिति तो है ही वहीं यह दुर्घटना होने का भी कारण है। विधानसभा में विधायकों ने सर्वसम्मति पेश बिल का समर्थन किया है और चर्चा हुई कि ऐसे गऊ मालिक जोकि अपने मवेशी सड़कों पर खुला छोड़ देते हैं उनके खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई के अलावा उन पर एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश की है। और ऐसी लाचार हालत में घूमती गायों के लिए नई गौशाला बनाने का विचार रखने के अलावा मौजूदा गौशालाओं के साथ एक समझौता किया जाए इससे की ऐसे गायों कोउचित रहने योग्य स्थान उपलब्ध हो सके। इसके अलावा हमारे क्षेत्र में झिलमिल औद्योगिक क्षेत्र है जिसमें बी ब्लॉक के अंदर एसपीटी प्लान लगा हुआ है जिसका परिचालन यहां की औद्योगिक ऐसोसिएशन द्वारा होता है यहां पर्याप्त सुविधाओं के अभाव के चलते लगभग 50 लाख लीटर पानी रोज नाले में बहा दिया जाताहै।
संजय गोयल ने बताया कि यहां पर यहां पर पानी को साफ करने की व्यवस्था नहीं होने के कारण पानी को गंदे नाले में ही डाल दिया है।एक तरफ से पानी आता है दूसरी तरह व्यर्थ बहा दिया जाता है। पिछली सरकार के अधिकारी कई मर्तबा यहां आए तब एसोसिएशन ने कहा कि पानी का सदुपयोग होना चाहिए इस पानी को भवन निर्माण,पार्कों के लिए, सड़कों पर छिड़काव में इस्तेमाल किया जा सकता है।किंतु स्थिति जस की तस बनी हुई है ।अब मेरी मेरी ओर से पहल होगी कि इस पानी का सदुपयोग हो सके इसके लिए पानी के टैंकर की व्यवस्था हो जिसके माध्यम से यह जल प्रयोग में लाया जा सकता है।



