Waqf Law: वक्फ कानून पर जम्मू-कश्मीर विधानसभा में मचा बवाल, एनसी और बीजेपी विधायकों के बीच जमकर नारेबाजी और धक्का-मुक्की

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Waqf Law: वक्फ कानून पर जम्मू-कश्मीर विधानसभा में मचा बवाल, एनसी और बीजेपी विधायकों के बीच जमकर नारेबाजी और धक्का-मुक्की

जम्मू-कश्मीर की विधानसभा बुधवार को एक बार फिर घमासान का अखाड़ा बन गई। वक्फ कानून को लेकर विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच जबरदस्त टकराव देखने को मिला। नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों के बीच तीखी बहस इतनी बढ़ गई कि मामला धक्का-मुक्की और हाथापाई तक पहुंच गया। सदन का माहौल अराजक हो गया और कार्यवाही को दोपहर 1 बजे तक स्थगित करना पड़ा।

यह घटना उस समय घटी जब विपक्षी दलों ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 पर विस्तृत चर्चा की मांग की। नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायकों ने इस कानून को मुस्लिम समुदाय की धार्मिक संपत्तियों पर सीधा हस्तक्षेप बताया और कहा कि इसके दूरगामी प्रभाव कश्मीर की सामाजिक और धार्मिक संरचना को नुकसान पहुंचाएंगे। वहीं, भाजपा विधायकों ने इस कानून को पारदर्शिता और जवाबदेही लाने वाला बताया और विपक्ष की मांग को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह सिर्फ ध्यान भटकाने की कोशिश है।

सदन में शुरू हुई बहस जल्द ही नारेबाजी और शोरगुल में बदल गई। एनसी के विधायकों ने वेल में आकर जोरदार प्रदर्शन किया, वहीं भाजपा विधायकों ने इसका जोरदार विरोध करते हुए उन्हें रोकने की कोशिश की। इस दौरान एक-दूसरे को धकेलने और मारपीट तक की नौबत आ गई। सदन में मौजूद मार्शलों को स्थिति को संभालने के लिए बीच में आना पड़ा।

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए स्पीकर ने सदन की कार्यवाही दोपहर 1 बजे तक स्थगित कर दी। हालांकि, सदन के बाहर भी नाराज विधायकों ने मीडिया से बातचीत में एक-दूसरे पर तीखे आरोप लगाए। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने भाजपा पर मुस्लिम भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया, तो भाजपा ने विपक्ष को कानून पर चर्चा के नाम पर सस्ती राजनीति करने वाला करार दिया।

विधानसभा के बाहर भी तनावपूर्ण माहौल बना रहा। भाजपा विधायकों ने बेरोजगारी और दिहाड़ी मजदूरी के मुद्दों पर सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाए, जबकि एनसी ने केंद्र द्वारा लाए गए वक्फ संशोधन को जम्मू-कश्मीर की स्वायत्तता पर हमला बताया।

गौरतलब है कि यह लगातार तीसरा दिन है जब विधानसभा में वक्फ कानून को लेकर भारी हंगामा हो रहा है। विपक्षी दल इस विधेयक को पूरी तरह रद्द करने की मांग कर रहे हैं। वक्फ कानून को लेकर सिर्फ जम्मू-कश्मीर ही नहीं, बल्कि देशभर में विरोध के सुर तेज हो चुके हैं। मुस्लिम संगठनों और विपक्षी दलों का कहना है कि यह कानून धार्मिक संस्थाओं की स्वतंत्रता पर हमला है और इससे अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर खतरा मंडरा रहा है।

अब देखना यह होगा कि सरकार इस तनावपूर्ण माहौल में विपक्ष की मांगों को कैसे संबोधित करती है और क्या विधानसभा में इस विवादित कानून पर कोई सकारात्मक चर्चा संभव हो पाएगी या नहीं। फिलहाल इतना तय है कि वक्फ कानून ने जम्मू-कश्मीर की राजनीति को पूरी तरह से झकझोर कर रख दिया है।

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