बरसात नें किया रक्षाबंधन का मजा किरकिरा फिर भी मना धूमधाम से
नई दिल्ली ( सी.पी.एन.न्यूज़ ) : राजधानी दिल्ली सहित एनसीआर में झमाझम बरसात नें पवित्र पर्व रक्षाबन्धन का मजा कुछ किरकिरा जरुर किया बाव्जुदिसके भाई बहन का यह पर्व धूमधाम के साथ सम्पन्न हुआ | भारी बरसात भी बहनों को अपने भाईयों के घरो मेंजाने से नहीं रोक पाई | हालांकि बरसात नें बाजारों की रौनक कम कर दी थी लेकिन बहनों को इस बात का एहसास था बरसात उनके रंग में भंग डाल सकती है लिहाजा काफी मात्र में बहनों ने एक दिन पहले ही अपने इंतजाम कर लिए थे |
हालांकि पतंग बेचने वालों और उड़ने वालों को निराशा ही हाथ लगी | बावजूद इसके सावन में भाई-बहन के अटूट प्रेम और स्नेह का प्रतीक रक्षाबंधन का त्योहार आज बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाया गया। सुबह से ही माहौल में उत्सव की खुशबू घुली हुई थी। बहनों ने सज-धज कर अपने भाइयों की कलाई पर प्यार और विश्वास की डोर राखी बांधी और उनके सुख-समृद्धि की कामना की। भाइयों ने भी अपनी बहनों को उपहार देकर जीवनभर उनकी रक्षा करने का संकल्प लिया। बरसात के बावजूद सुबह से ही बाजारों में कम सही लेकिन रौनक देखने को मिली। मिठाई और ड्राई फ्रूट की दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ जुटी रही।
रंग-बिरंगी राखियों की दुकानों पर भी खरीदारों की भीड़ देखी गई | रक्षाबंधन भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है। भारतीय संस्कृति इतनी लचीली है कि इस में हर संस्कृति समाहित होती चली जाती है। कश्मीर से कन्याकुमारी तक, सौराष्ट्र से असम तक देखें तो यहां के लोग प्रतिदिन कोई न कोई त्योहार मनाते मिलेंगे। इन त्योहारों के मूल में आपसी रिश्तों के बीच मधुरता घोलने एवं सरसता लाने की भावना रहती है। भाई-बहन के बीच प्यार, मनुहार व तकरार होना एक सामान्य सी बात है। लेकिन रक्षाबंधन के दिन बहन द्वारा भाई के हाथ में बांधे जाने वाले रक्षा सूत्र में भाई के प्रति बहन के असीम स्नेह और बहन के प्रति भाई के कर्तव्यबोध को पिरोया गया है।



